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डरबन में भारतीय दूत शशांक विक्रम के परिवार से लूटपाट, घर में बनाया बंधक

दूत एसके पांडे ने बताया कि वे लोग ठीक हैं लेकिन उन्हें सदमा पहुंचा है, किसी को भी शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचा है. खबर के मुताबिक एक घरेलू सहायक का मोबाइल फोन भी छीन लिया गया. घटना के बाद भारत ने दक्षिण अफ्रीका को वियना संधि के तहत राजनयिक कर्मचारियों और संपत्ति की सुरक्षा की उसकी ड्यूटी की याद दिलाई है.

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महावाणिज्य दूत शशांक विक्रम (फाइल फोटो)
महावाणिज्य दूत शशांक विक्रम (फाइल फोटो)

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दक्षिण अफ्रीका के डरबन शहर में भारत के महावाणिज्य दूत (कौंसल जनरल) के परिवार को लुटेरों ने निशाना बनाया और उन्हें आधिकारिक आवास में कुछ देर के लिए बंधक भी बनाए रखा. महावाणिज्य दूत शशांक विक्रम के परिवार, उनके घरेलू कर्मचारी और एक आगंतुक शिक्षक को शनिवार इंस रोड स्थित उनके आवास पर बंधक बना लिया गया, उनमें दो बच्चे भी शामिल थे.

दूत एसके पांडे ने बताया कि वे लोग ठीक हैं लेकिन उन्हें सदमा पहुंचा है, किसी को भी शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचा है. इंडीपेंडेंट ऑनलाइन की खबर के मुताबिक एक घरेलू सहायक का मोबाइल फोन भी छीन लिया गया. घटना के बाद भारत ने दक्षिण अफ्रीका को वियना संधि के तहत राजनयिक कर्मचारियों और संपत्ति की सुरक्षा की उसकी ड्यूटी की याद दिलाई है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि हमने संबंधित विभाग के सामने यह मामला उठाया है और इसकी जांच की जा रही है. हमें उम्मीद है कि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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रवीश कुमार ने कहा कि विदेश में तैनात भारतीय राजदूतों और कर्मचारियों की सुरक्षा सर्वोपरि है, साथ ही उनके परिवार की सुरक्षा के प्रति भारत सरकार प्रतिबद्ध है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक मंत्री सुषमा स्वराज ने दूत से बात कर उन्हें हर मुमकिन मदद का भरोसा दिलाया है.  

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