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US: भारतीय दूतावास की टेलीफोन लाइन से छेड़छाड़ कर ठगी की कोशिश

दूतावास ने एक एडवाइजरी जारी कर दी है जिसमें लोगों से कहा गया है कि वे ऐसी किसी भी कॉल से सचेत हो जाएं जिसमें पासपोर्ट, वीजा, इमीग्रेशन फॉर्म में गलती का हवाला देते हुए उसे ठीक कराने के एवज में पैसे लेने के लिए कहा जा रहा है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

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अमेरिका में भारतीय दूतावास की टेलीफोन लाइन में छेड़छाड़ की कोशिश का मामला सामने आया है. दूतावास की टेलीफोन लाइन में छेड़छाड़ कर लोगों को ठगने की कोशिश की गई है. कुछ लोगों ने दूतावास को बताया कि उन्हें फर्जी कॉल की गई, जिसमें कहा गया कि कुछ लोग पासपोर्ट, वीजा ठीक कराने के नाम पर पैसे मांग रहे थे.

फर्जी कॉल की कई शिकायतें आने पर भारतीय दूतावास ने अमेरिका की सरकार को इस बाबत जानकारी दी है. साथ ही इस फ्रॉड की जांच शुरू कर दी है. इसके साथ ही दूतावास ने एक एडवाइजरी जारी कर दी है जिसमें लोगों से कहा गया है कि वे ऐसी किसी भी कॉल से सचेत हो जाएं जिसमें पासपोर्ट, वीजा, इमीग्रेशन फॉर्म में गलती का हवाला देते हुए उसे ठीक कराने के एवज में पैसे लेने के लिए कहा जा रहा है. शातिर इस काम के बदले लोगों से उनके क्रेडिट कार्ड की जानकारी भी मांग रहे हैं. ऐसा न करने पर वीजा कैंसिल होने की बात कहकर लोगों को डराया जा रहा है.  

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इस ‘खेल’ का दूतावास को तब पता चला जब ऐसी ही कॉल के शिकार लोगों ने खुद दूतावास को फोन कर इस बारे में जानकारी मांगी. कुछ लोगों ने बताया कि फ्रॉड कॉल करने वाले फोन पर कहते हैं कि उन्हें दूतावास से जानकारी मिली है आपके वीजा में गड़बड़ी है. इसे ठीक कराइए, नहीं तो वीजा कैंसिल हो सकता है. कुछ कॉल में ये कहा जाता है कि गड़बड़ी की शिकायत भारत में संबंधित अधिकारियों से मिली है.  

इन शिकायतों पर दूतावास ने वेस्टर्न यूनियन अकाउंट नंबर और उन खातों की जानकारी जुटानी शुरू कर दी है, जिसमें पैसे जमा कराए जा रहे थे.

भारतीय दूतावास ने इस बाबत जारी एडवाइजरी में साफ कहा है कि लोग ऐसी कॉल से सावधान रहें. अगर ऐसी कोई गड़बड़ी होती भी है तो दूतावास किसी भी तरह के डॉक्यूमेंट की डिमांड ऑफिशियल मेल से करता है. लोगों से उनकी व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगी जाती है. संभवत: ये पहली बार है जब अमेरिका में भारतीय दूतावास की फोन लाइन में छेड़छाड़ की गई है.

अमेरिकी सरकार से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि इससे पहले भी उन्हें कई दूतावासों से ऐसे फर्जी कॉल की सूचना मिली थी. उन्होंने बताया कि यूरोपीय देशों से ऐसी कॉल कुछ ज्यादा आई थीं.  उनका कहना था कि अब इस तरह से छेड़छाड़ करना बेहद आसान हो गया है. ऐसी कॉल का पता लगाना भी बेहद मुश्किल हो गया है.

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भारत से भी ऐसी कई फर्जी कॉल की शिकायतें मिल चुकी हैं, जो अमेरिकी लोगों को की गई हैं. इस सिलसिले में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है.

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