अप्रैल 2018 में इब्राहिम जुबैर मोहम्मद अपने 2 अन्य साथियों के साथ इराक, अफगानिस्तान और दुनियाभर में अमेरिकी सैन्यकर्मियों के खिलाफ हिंसक जिहाद का समर्थन करने के प्रयास में अनवर अल-अवलाकी को हजारों डॉलर की फंडिंग के लिए दोषी ठहराया गया था.
भारत में हो सकता है रिहा
इंडिया टुडे को पता चला है कि अमेरिका के एक विशेष विमान के जरिए इब्राहिम को भारत लाया गया और उसे एक क्वारनटीन सेंटर में रखा गया है. सूत्रों का कहना है कि भारत में उसके खिलाफ एक भी मामला दर्ज नहीं है, ऐसे में क्वारनटीन सेंटर में रहने की अवधि पूरी होने के बाद उसे रिहा किया जा सकता है.
इब्राहिम को दोषी ठहराए जाने से पहले जेल में बिताए गए समय सहित 60 महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी. कोर्ट ने यह भी आदेश दिया था कि उसकी सजा पूरी होने पर, इब्राहिम को अमेरिका की धरती पर फिर से एंट्री करने पर आजीवन प्रतिबंध लगाने के साथ भारत भेजा जाएगा.
अमेरिका में की थी पढ़ाई
इब्राहिम मोहम्मद, एक भारतीय नागरिक है जिसने 2001 से 2005 तक यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनोइस अर्बन-शैंपेन से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी. 2006 के करीब वह टोलेडो, ओहियो चला आया और उसने एक अमेरिकी महिला से शादी कर ली. 2007 के आसपास वह संयुक्त राज्य अमेरिका का एक वैध स्थायी निवासी बन गया.
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अमेरिकी संघीय एजेंसियों के अनुसार, इब्राहिम मोहम्मद ने 2009 में अनवर अल-अवलाकी को धन मुहैया करने के लिए काम किया. अल-अवलाकी अरब प्रायद्वीप में अल कायदा का एक प्रमुख नेता था जो संयुक्त राज्य अमेरिका के खिलाफ हिंसा का समर्थन करता था और नागरिकों पर हमले के प्रयास भी किए.
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अमेरिकी न्याय विभाग की ओर से जारी बयान के अनुसार, अवलाकी को धन मुहैया कराने को लेकर जांच एजेंसियों की जांच के दौरान इब्राहिम मोहम्मद, आसिफ सलीम और सुल्ताने सलीम ने अवलाकी को धन मुहैया कराने को झूठ बोला और उनकी ओर से लेन-देन से जुड़े ईमेल को डिलीट कर दिया गया था. इस मामले की जांच एफबीआई द्वारा की गई थी.