भारत सरकार ने उस रिपोर्ट को पूरी तरह से फर्जी और मनगढ़ंत बताया है, जिसमें दावा किया गया है कि हरदीप सिंह निज्जर और कुछ अन्य सिख आतंकवादियों के खिलाफ ठोस कदम उठाने के लिए भारत सरकार ने अप्रैल में एक 'सीक्रेट मेमो' यानी गोपनीय ज्ञापन जारी किया था.
रविवार को अमेरिकी मीडिया आउटलेट 'इंटरसेप्ट' ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि भारत सरकार ने पश्चिमी देशों में रह रहे कुछ सिख आतंकवादियों के खिलाफ 'क्रैकडाउन स्कीम' चलाने का निर्देश दिया था.
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारत के विदेश मंत्रालय ने निज्जर की हत्या से दो महीना पहले यानी अप्रैल 2023 में उत्तरी अमेरिकी स्थित भारतीय दूतावासों को एक सीक्रेट मेमो भेजा था, जिसमें उनसे हरदीप सिंह निज्जर सहित अन्य खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा गया था.
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस तथाकथित सीक्रेट मेमो में कई खालिस्तानी आतंकवादियों को सूचीबद्ध किया गया था जिनकी जांच भारत की खुफिया एजेंसियां कर रही थी.
भारत ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह से फर्जी बताया
अमेरिकी आउटलेट में छपी रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची की ओर से जारी बयान में कहा गया है, " यह रिपोर्ट पूरी तरह से फर्जी और मनगढ़ंत है. ऐसा कोई ज्ञापन नहीं है. यह रिपोर्ट भारत के खिलाफ नैरेटिव चलाने का हिस्सा है."
बयान में आगे कहा गया है, ''खासकर जिस आउटलेट ने इस रिपोर्ट को जगह दी है, वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों द्वारा फैलाए गए फर्जी नैरेटिव को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है. रिपोर्ट लिखने वाले ऑथर के अन्य पोस्ट इसकी पुष्टि करते हैं. जो लोग ऐसी फर्जी खबरों को बढ़ावा देते हैं, वो खुद अपनी विश्वसनीयता खो रहे हैं.
Our response to media queries on reports of MEA "secret memo" in April 2023:https://t.co/LcHTl5HUpf pic.twitter.com/7ilEyqkVDX
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) December 10, 2023
कैसे हुई थी निज्जर की हत्या?
जून 2023 में कनाडा के सर्रे प्रांत में निज्जर की हत्या हुई थी. निज्जर को मंदिर की पार्किंग में उसके ट्रक में गोली मारी गई थी. कनाडा की सुरक्षा एजेंसियों की शुरुआती जांच के मुताबिक निज्जर को दो हमालवारों ने गोली मारी थी. घटनास्थल के पास ही तीसरा शख्स एक गाड़ी लेकर खड़ा हुआ था. वारदात को अंजाम देने के बाद हमलावर इस गाड़ी में सवार होकर फरार हो गए थे. इस मामले में अब तक किसी भी गिरफ्तारी नहीं हुई है.
निज्जर को भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने भगोड़ा और डेजिग्नेटिड टेरेरिस्ट यानी आतंकवादी घोषित कर रखा था. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने भगोड़े निज्जर पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था. खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह करने की कोशिश करने वाली जमात में निज्जर का नाम काफी आगे था. वह पंजाब के जालंधर जिले के भारसिंहपुर गांव का रहने वाला था.