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मालदीव में राजनीतिक गतिरोध के बीच 2 'भारतीय' पत्रकार गिरफ्तार

मालदीव पर भारत लगातार नजर बनाए हुए है, लेकिन 2 पत्रकारों जिसमें एक भारतीय और एक भारतीय मूल के हैं, को सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है.

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मालदीव में कायम है राजनीतिक संकट
मालदीव में कायम है राजनीतिक संकट

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मालदीव में राजनीतिक संकट खत्म होता नहीं दिख रहा है, वहां बने राजनीतिक गतिरोध के बीच खबर है कि दो भारतीय पत्रकारों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इनमें एक पत्रकार भारतीय है और दूसरा भारतीय मूल का ब्रिटिश पत्रकार है.

दोनों भारतीय पत्रकार न्यूज एजेंसी एएफपी में काम करते हैं. अमृतसर के मनी शर्मा और लंदन में रहने वाले भारतीय मूल के पत्रकार आतिश रावजी पटेल को मालदीव में गिरफ्तार कर लिया गया है. दोनों पत्रकारों को मालदीव के राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उन्होंने मालदीव में मौजूद दूतावास के अधिकारियों को इन पत्रकारों से संपर्क करने को कहा है. बता दें कि इससे पहले, मालदीव में राष्ट्रपति बनाम विपक्ष और सुप्रीम कोर्ट के बीच चल रहे टकराव का हल निकालने में भारत अपने पड़ोसी चीन के मुकाबले पिछड़ गया था.

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मालदीव ने चीन और पाकिस्तान में अपने राजनयिक भेजकर उन्हें स्थिति की जानकारी दी थी, जबकि भारत के साथ ऐसा नहीं किया था. ऐसा तब हुआ था जबकि भारत पूर्व में भी मालदीव में राजनीतिक संकट का हल निकालने में भूमिका निभा चुका है.

गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए मालदीव के सांसद अली जहीर ने कहा कि अब यहां प्रेस की स्वतंत्रता नहीं बची है. पिछली रात एक प्रतिष्ठित टीवी चैनल को भी बंद कर दिया गया. हम तत्काल पत्रकारों की रिहाई, देश में लोकतंत्र और कानून का शासन बहाली करने की मांग करते हैं.

भारत के पड़ोसी देश मालदीव में कई दिनों राजनीतिक संकट कायम है. फिलहाल स्थानीय सरकार ने 15 दिन के लिए आपातकाल घोषित कर रखा है.

मालदीव में राजनीतिक संकट की शुरुआत वहां के सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बाद हुआ जिसमें उसने विपक्ष के 9 नेताओं को रिहा करने का आदेश दिया था. राष्ट्रपति यामीन ने इस आदेश को मानने से इनकार कर दिया और उन्होंने इस देश में आपातकाल का ऐलान कर दिया. इसके तुरंत बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस अब्दुल्ला सईद और एक अन्य जज अली हमीद को गिरफ्तार भी कर लिया गया.

बाद में सरकार के दबाव में आकर सुप्रीम कोर्ट में शेष जजों ने अपना फैसला बदल दिया. भारत और चीन दोनों ही देशों के लिहाज से मालदीव संकट काफी अहम है. दोनों देश इस घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं.

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मालदीव के राजनीतिक हालात पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर बातचीत की और हालात पर चिंता जताई. दूसरी ओर, चीन का कहना है कि वह मालदीव में जारी राजनीतिक गतिरोध को सुलझाने के लिए भारत के संपर्क में है. चीन के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि हम पहले ही कह चुके हैं कि मालदीव अपने आंतरिक संकट को सुलझाने में खुद सक्षम है और किसी भी बाहरी पक्ष को इसमें दखल नहीं देना चाहिए.

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