विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इराक के मोसुल से लापता हुए 39 भारतीय लोगों के मौत की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि 4 साल पहले अगवा हुए 39 भारतीय के शवों की शिनाख्त इराक में की गई है. इराक सरकार की तरफ से सूचना दी गई कि 38 लोगों के डीएनए 100 फीसदी मिल गए हैं और एक व्यक्ति का 70 फीसदी तक डीएनए मिला है.
मारे गए 39 लोगों में से 27 लोग पंजाब से थे. ये सभी कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करते थे, लेकिन वर्ष 2014 में उन्हें बंदी बना लिया गया.
बता दें कि इराक के मोसुल शहर पर आईएस ने कब्ज़ा कर लिया था. जिसे लंबे संघर्ष के बाद इराक की सेना ने आईएस के कब्जे से मुक्त कराया गया. इसी दौरान 39 भारतीय बंदी बनाए गए.
हरजीत सिंह के खुलासे के बाद सामने आई थी कहानी...
मोसुल पर ISIS के कब्जे के बाद जून 2014 में 39 भारतीय मजदूरों को बंधक बनाने की खबर आई थी. इस बीच हरजीत सिंह ISIS के चंगुल से निकलने में सफल रहा था. भारत आकर हरजीत मसीह ने दावा किया था कि सभी 39 भारतीय मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है.
जिन 39 भारतीयों को आईएसआईएस के आतंकियों ने जून 2014 में अपहृत किया था. उनमें 22 लोग पंजाब के अमृतसर, गुरदासपुर, होशियारपुर, कपूरथला और जालंधर से थे. पिछले साल केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह इन 39 भारतीयों की तलाश में मोसुल गए थे.
3 वर्षों तक चलती रही पूछताछ...
सुषमा ने राज्यसभा में बताया कि डीप पेनिट्रेशन रडार के जरिए बॉडी को देखा गया था, उसके बाद सभी शवों को बाहर निकाला गया. जिसमें कई चिन्ह मिले थे और डीएनए की जांच के बाद पुष्टि हुई है. विदेश मंत्री ने बताया कि 3 वर्षों तक ये तलाश चलती रही.