भारतीय मूल के एक शोधकर्ता मनोज गंभीर ने इबोला से निपटने के लिए बनाई गई वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल में मदद की. अगर ये वैक्सीन असरदार रही तो इसके ज़रिए जानलेवा संक्रमण को रोका जा सकेगा.
मोनाश विश्वविद्यालय के एपिडेम्योलॉजी एंड प्रिवेंटिव मेडिसिन के विभाग में एसोसियट प्रोफ़ेसर के पद पर कार्यरत मनोज गंभीर इबोला पर शोध कर रही टीम का हिस्सा हैं.
सुरक्षित और असरदार टीके की मदद से पश्चिम अफ्रीकी देशों में फैले इबोला संक्रमण की रोकथाम में मदद मिलेगी.
ये परीक्षण अभी पश्चिम अफ्रीकी देश सियरा लियोन में ही किए जा रहे हैं इसके बाद संक्रमण की मार झेल रहे अन्य देशों जैसे गिनी और लाइबेरिया में भी इनका परीक्षण किया जाएगा.
ये परीक्षण टैक्सस विश्वविद्यालय के नेतृत्व में और अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के सहयोग से किया जा रहा है.
मनोज गंभीर ने कहा कि 'मुझे गर्व है कि हमें (सीडीसी) के साथ इतने करीब से काम करना का मौका मिला. हम आशा करते हैं कि हम इस संस्था के लिए लाभकारी रहेंगे.'
इबोला संक्रमण से अबतक 10,000 लोगों की जान जा चुकी है. हालांकि इससे बचने के लिए असरदार टीके की खोज जारी है.