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भारतीय मूल की स्टूडेंट ने रचा इतिहास, संयुक्त राष्ट्र में किया अमेरिका का प्रतिनिधित्व

चेक रिपब्लिक की राजधानी प्राग में 17 से 21 जनवरी के बीच जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था. इस UN कॉन्फ्रेंस में अमेरिका की ओर से अक्षिता ने हिस्सा लिया. उन्होंने इंटरनेशनल यूनाइटेड नेशन्स कॉन्फ्रेंस में क्लाइमेट चेंज से जुड़े विषय पर अपनी बात सबके सामने रखी.

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अक्षिता ठाकुर
अक्षिता ठाकुर

अमेरिका सहित दुनियाभर में एक और भारतवंशी ने देश का गौरव बढ़ाया है. मूल रूप से राजस्थान के कोटा से ताल्लुक रखने वाली भारतीय मूल की अमेरिकी स्टूडेंट अक्षिता ठाकुर (Akshita Thakur) को संयुक्त राष्ट्र कॉन्फ्रेंस में अमेरिका का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला. 

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चेक रिपब्लिक की राजधानी प्राग में 17 से 21 जनवरी के बीच जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था. इस UN कॉन्फ्रेंस में अमेरिका की ओर से अक्षिता ने हिस्सा लिया. उन्होंने इंटरनेशनल यूनाइटेड नेशन्स कॉन्फ्रेंस में क्लाइमेट चेंज से जुड़े विषय पर अपनी बात सबके सामने रखी.

दरअसल भारतीय मूल की स्टूडेंट अक्षिता ठाकुर प्राग में हुई इस कॉन्फ्रेंस में अमेरिका की ओर से शामिल हुई थीं. इसके लिए अक्षिता सहित अमेरिका से कुल 16 बच्चों का चुनाव किया गया था. 

UN में अमेरिका के प्रतिनिधित्व के लिए कैसे हुआ चुनाव?

संयुक्त राष्ट्र की इस कॉन्फ्रेंस के लिए 9वीं से 12 कक्षा तक के 400 से अधिक स्कूली छात्रों का चुनाव किया गया था. इनमें से 22 छात्रों को बाद में शॉर्टलिस्ट कर इस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने का मौका दिया गया.

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संयुक्त राष्ट्र कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने के लिए चुनाव की प्रक्रिया आसान नहीं थी. उम्मीदवारों का चयन करने के लिए कई राउंड की प्रक्रिया हुई, जिसमें प्रेजेंटेशन से लेकर ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू तक शामिल था.  बता दें कि अक्षिता ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपना प्रस्ताव सबके सामने रखा, जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया.

9वीं क्लास की स्टूडेंट है अक्षिता

अक्षिता मूल रूप से राजस्थान के कोटा की है.  उसके माता-पिता का संबंध कोटा के कैथूनीपोल से हैं. उसके पिता का नाम अक्षय ठाकुर और मां का नाम ऋतु ठाकुर है. अक्षिता के पिता मौजूदा समय में अमेरिका के न्यूजर्सी में सैटल हैं. अक्षिता न्यूजर्सी में ही कक्षा 9वीं में पढ़ाई कर रही है. 

बता दें कि इसे पहले भी कई भारतीय और भारतवंशी अमेरिका ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत का मान बढ़ा चुके हैं. स्कूली छात्रों से लेकर राजनीति के गलियारों और एंटरप्रेन्योरशिप तक भारतवंशियों ने भारत का गौरव बढ़ाया है. 

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