भारतीय मूल की एक महिला लंदन की ओल्ड बैले अदालत की पहली गैर-श्वेत जज बन गई हैं. अनुजा रवींद्र धीर अदालत में सबसे कम उम्र की सर्किट जज भी हैं. 49 वर्षीय धीर ने इस हफ्ते मीडिया को बताया कि जब से वो कानून के पेशे में आई हैं तब से आमतौर पर उन्हें गवाह या प्रतिवादी समझ लिया जाता है. उन्होंने बताया, मुझे याद है जब मैं लंदन के बाहर क्राउन कोर्ट गई थी तो गेट पर तैनात व्यक्ति को विश्वास ही नहीं हुआ कि मैं बैरिस्टर हूं.
आखिरकार इमारत के भीतर जाने के लिए मुझे उसे अपना विग और गाउन दिखाना पड़ा. धीर ने बीबीसी को बताया, मुझसे आमतौर पर पूछा जाता है कि क्या राह में बाधाएं हैं. कई बार मुझे लगता है कि दो बाधाएं हैं या फिर कोई बाधा है ही नहीं. एक तो हमारे मस्तिष्क में है, हम सोचते हैं कि हम क्या पा सकते हैं और यहीं हम बाधा खड़ी कर लेते हैं, मेरे साथ ऐसा कई बार हुआ है.
ज्यादातर मुवक्किल नहीं चाहते कि एशिया की रहने वाली कोई युवा एशियाई या स्कॉटिश महिला उनका प्रतिनिधत्व करे. इसलिए मेरे लिए मुविक्किलों का आधार बनाना मुश्किल हुआ. धीर का जन्म स्कॉटलैंड के ड्यूनडी में हुआ था. वो भारतीय अप्रवासी दंपति की संतान हैं. उन्होंने 23 वर्ष तक वकालत की है.