यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूस के हमले लगातार जारी हैं. वहां फंसे भारतीय छात्रों ने बंकरों में शरण लेना शुरू कर दिया है. वहां फंसी भारतीय छात्रा सना शेख ने इंडिया टुडे से बताया, "जब यूक्रेन प्रशासन बम विस्फोटों और हमलों को लेकर अलार्म बजाना शुरू करता है तब हम लोग बंकरों में चले जाते हैं." सना बोगोमोलेट्स नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी की छात्रा है. उसने बताया कि अभी वहां के छात्रावास में कम से कम 500 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं.
'अलार्म बजते ही हम छुप जाते हैं'
सना ने कहा, "हमने सड़कों पर टैंकर देखे हैं. हमने विस्फोट देखे हैं. शुरू में हम डरे हुए थे लेकिन अब हम मजबूत हो गए हैं. यह पूछे जाने पर कि वे इन बंकरों में कैसे जाते हैं तो सना ने बताया कि कारखानों, स्कूलों, महानगरों के तहखाने में हम शरण लिए हुए हैं. जब भी अलार्म बजता है, हम लोग इन्हीं बंकर में चले जाते हैं.
बंकर से निकलना अभी खतरनाक है
सना यूपी की राजधानी लखनऊ की रहने वाली हैं. सना अपने दो उत्तराखंड के शाहरुख आफ्तार और महाराष्ट्र के यश देजानी के साथ ऐसे ही एक बंकर में फंसी हुई है. वहां से निकलने के बारे में सना ने बताया कि अभी हमें सुरक्षित रहने की जरूरत है. एक जगह से दूसरी जगह जाना खतरनाक होगा. अगर संभव हो तो हम भारत सरकार से अनुरोध करते हैं कि कीव से पड़ोसी देशों की सीमाओं तक जाने के लिए बसों की व्यवस्था करें ताकि हम सब वहां से निकाल सकें.
भारतीयों के लिए जारी की एडवाइजरी
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों को एक एडवाइजरी भेजी थी कि रोमानिया और हंगरी के रास्ते सुरक्षित बाहर निकला जा सकता है. कीव में फंसे छात्रों का कहना है कि सड़कों पर टैंकरों के बीच हम असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. जब तक हम लोगों को बाहर निकालने के लिए बसों से सीमाओं या सुरक्षित स्थानों तक ले जाने की व्यवस्था नहीं कर दी जाती है, हम असुरक्षित हैं.
अपने पेट्स को भी साथ ला रहे लोग
रूसी हमलों से परेशान यूक्रेन के लोग सायरन बजते ही नजदीक के मेट्रो स्टेशन में भी छुपकर जान बचा रहे हैं. कई दिन वहां रुकने के इरादे से लोग अपने साथ खाने-पीने की चीजें और बोरिया-बिस्तर भी साथ ला रहे हैं. इतना ही नहीं लोग अपने साथ पेट्स को भी लेकर आ रहे हैं.
बेटी बोली- पापा, यहां हमारा क्या होगा, पता नहीं
वहीं यूक्रेन में फंसी लखनऊ की एक और छात्रा शिवानी शर्मा ने आजतक के जरिए अपने पिता पवन वर्मा से बातचीत की. बेटी ने वीडियो कॉल के जरिये पिता को बताया कि यहां हालात बहुत मुश्किल हो गए हैं. कुछ दूरी पर बम गिरने की आवाजें आ रही हैं. हम बहुत डरे हुए हैं. हमने खाने का सामान रख लिया है. अब घर से निकल नहीं रहे हैं. आगे क्या होगा पता नहीं. सरकार हमें जल्द से जल्द निकाले. हम बस मदद का इंतजार कर रहे हैं.
पहुंचने वाले हैं एयर इंडिया के दो विमान
जंग के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों बचाने के लिए भारत सरकार ने ने तय किया है कि वह अपने खर्च पर यूक्रेन से भारतीय नागरिकों और छात्रों को बचाकर लाएगी. यूक्रेन का वायु क्षेत्र बंद है. इसके चलते पड़ोसी देशों में भारतीय लोगों को पहले सड़क मार्ग से लाया जाएगा. इसके बाद वहां से विमान के जरिए भारत लाया जाएगा. एयर इंडिया के दो विमान उन्हें निकालने पहुंचने वाले हैं.
पोलैंड-यूक्रेन बॉर्डर पर लगा जाम
हमलों के बीच यूक्रेन के लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं. पोलैंड-यूक्रेन बॉर्डर पर हजारों लोग पहुंच गए हैं. पोलैंड में एंट्री पाने के लिए बॉर्डर पर कई किलोमीटर लंबा गाड़ियों का जाम लग गया है. पोलैंड भी इतनी संख्या में पहुंचे लोगों को एंट्री दे पाने में नाकाम दिख रहा है. वहीं इस युद्ध में प्रभावित लोगों, राहत कैंप में शरण लिए हुए लोगों की मदद के लिए दुनियाभर से संस्थाएं पहुंच रही हैं.