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अमेरिका ने विदेशी स्टूडेंट्स के लिए बदले नियम, भारतीय छात्रों पर होगा ये असर

इस नई अपडेटेड पॉलिसी के तहत रोजगार के लिए, स्टेटस में बदलाव, अमेरिका में रहने की अवधि में विस्तार करने और F और M श्रेणी के छात्रों के स्टेटस को बहाल करने से जुड़े आवेदनों को लेकर USCIS की भूमिका को निर्धारित किया गया है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

अमेरिका ने अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को ध्यान में रखते हुए वीजा नियमों में बड़े बदलाव किए हैं. ये बदलाव F और M श्रेणी के वीजाधारकों के लिए किए गए हैं. इसके तहत यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) ने अमेरिकी शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई और रोजगार श्रेणी में इमिग्रेंट वीजा के लिए आवेदन की बात कही है. 

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यह नई अपडेटेड पॉलिसी छात्रों के स्टेटस में बदलाव, अमेरिका में रहने की उनकी अवधि में विस्तार और F और M श्रेणी के छात्रों के स्टेटस को बहाल करने के आवेदन से जुड़ी हुई हैं. यह नई गाइडलाइंस 20 दिसंबर को जारी की गई थीं. 

उदाहरण के लिए इस नई गाइडलाइंस में स्पष्ट किया गया है कि F और M वीजाधारक अस्थायी अवधि के प्रवास के बाद भी अपनी इच्छानुसार अमेरिका में रह सकते हैं. ग्रैजुएशन के छात्र अब शुरुआती चरण के स्टार्टअप में काम करने के लिए 36 महीने के ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग का उपयोग कर सकते हैं. 

इसके अलावा इन गाइडलाइंस में ये भी कहा गया है कि F वीजाधारक छात्र साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमैटिक्स की अपनी डिग्री के आधार पर ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग में विस्तार के लिए आवेदन कर सकते हैं. मालूम हो कि अमेरिका में पढ़ने वाले लगभग 10 लाख विदेशी छात्रों में से 25 फीसदी से अधिक भारतीय छात्र हैं.

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क्या है F और M वीजा?

बता दें कि अमेरिका में M वीजा वोकेशनल स्टडी के लिए जबकि F वीजा सामान्य रूप से पढ़ाई करने के लिए जारी किया जाता है. अमेरिका में किसी भी शैक्षणिक संस्थान में पढ़ाई के लिए पाठ्यक्रम के आधार पर आवेदकों को F या M वीजा दिया जाता है. दोनों तरह के वीजा के तहत अमेरिका में 60 महीने तक रहने की अनुमति दी जा सकती है. 

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