इसरो ने शुक्रवार को इनसैट-3D सैटेलाइट को प्रक्षेपित किया है. दुनिया की सबसे बेहतर तकनीक से तैयार इस उपग्रह को फ्रांस के फ्रेंच गुएना से छोड़ा गया. इससे संचार और टेलीविजन प्रसारण सुविधाओं का विस्तार होगा.
इनसैट-3D सैटेलाइट को एरिएन फाइव लॉन्च वेहिकल के जरिए प्रक्षेपित किया गया. सैटेलाइट से काम शुरू करने के बाद देश में इंडियन कोस्ट गार्ड, एयरपोर्ट, रक्षा और शिपिंग की सेवाएं और बेहतर होंगी, लेकिन सबसे ज्यादा फायदा मौसम विभाग को होगा. उपग्रह के सिगनल्स के लिए देशभर में 1800 डाटा कलेक्शन सेंटर बनाए गए हैं.
उपग्रह 'कल्पना' और 'इनसेट-3ए' पिछले एक दशक से क्रमश: 74 अंश पूर्व और 93.5 अंश पूर्व पर भूस्थतिक कक्षा में सक्रिय हैं. इनसेट-3डी अपनी वातावरण संबंधी ध्वनि प्रणाली के माध्यम से मौसम पर निगरानी में नये आयाम जोड़ता है, जो वातावरण की सतह से शीर्ष तक तापमान, आर्द्रता और समेकित ओजोन का लंबवत रूप में ब्योरा देता है.
अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार इनसेट-3डी की चित्र खींचने की प्रणाली में कल्पना और इनसेट-3ए की तुलना में सुधार किये गये हैं. इनसेट-3डी पिछले मिशनों को जारी रखेगा और क्षमता को भी बढ़ाएगा.