आईटी कंपनी विप्रो मैनेजमेंट के खिलाफ भारतीय श्रेया उकिल ने दो साल की लंबी लंड़ाई के बाद केस जीत लिया है. श्रेया ने मैनेजमेंट के लोगों पर लैंगिक भेदभाव और गलत तरीके से नौकरी से निकालने का आरोप लगाए थे.
विप्रो के सीनियर अधिकारियों पर साजिश रचने आरोप
श्रेया ने साल 2014 में सीईओ समेत सीनियर अधिकारियों पर साजिश रचकर नौकरी से निकालने का आरोप लगाया था. इस मामले पर सुनवाई कर रहे ट्रिब्यून ने कहा कि श्रेया की शिकायत पर मामले की जांच की गई. ट्रिब्यून ने बताया कि श्रेया ने विप्रो के सीनियर लीडरशिप पर लैंगिक भेदभाव और दूसरे कर्मचारियों की तुलना में कम सैलरी का आरोप लगाया था. मामले की जांच के बाद रोजगार ट्रिब्यूनल ने श्रेया के पक्ष में फैसला सुनाया.
श्रेया ने की है हर्जाने की मांग
श्रेया ने सीनियर अधिकारियों पर भद्दे कमेंट करन का आरोप लगा था. श्रेया ने कंपनी से 10 करोड़ रुपये हर्जाना देने की मांग की थी. वहीं इस मामले में विप्रो का कहना है कि कोर्ट ने श्रेया को नौकरी से निकालने के फैसले सही करार दिया है.
10 साल तक विप्रो से जुड़ी थीं श्रेया
2014 तक विप्रो के यूरोप सेल्स डिपार्टमेंट में हेड रहीं श्रेया ने दावा किया है कि ट्रिब्यूनल ने पाया कि विप्रो के सीनियर अधिकारियों ने उसे परेशान किया. साथ ही लैंगिक के आधार पर भेदभाव किया. इसके पहले श्रेया बंगलुरु में काम करती थीं. 2010 में उनका तबादला लंदन में कर दिया गया था. 2014 तक वह कंपनी में 10 साल तक अपनी सेवाएं दे चुकी थीं.