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मोदी-ट्रंप की दोस्ती का असर, US में 53 हवाई अड्डों पर नहीं होगी भारतीयों की जांच

भारत अब अमेरिका की इस लिस्ट में शामिल होने वाला 11वां देश हो गया है, यह कस्टम-बॉर्डर प्रोटेक्शन की पहल से हुआ है. अब अमेरिका के कुछ चुनिंदा एयरपोर्टों पर भारतीयों को भी प्री-अप्रूवल के बाद सीधे तौर पर एंट्री मिलेगी, उन्हें कस्टम ऑफिसर्स के सवालों का सामना नहीं करना होगा.

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US में भारतीय एंबेसडर नवतेज सरना बने पहले शख्स (फोटो - https://www.cbp.gov/)
US में भारतीय एंबेसडर नवतेज सरना बने पहले शख्स (फोटो - https://www.cbp.gov/)

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल में अमेरिका दौरे पर गए थे, वहां उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने भारत और अमेरिका की मजबूत दोस्ती का वादा किया था. अब इसका असर भी दिखना शुरू हो गया है, अमेरिका में भारतीय नागरिकों को ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम में जगह दे दी गई है, अब भारतीयों को भी अमेरिका में प्री-अप्रूवल, लो-रिस्क यात्री का दर्जा मिलेगा. अमेरिका में भारतीय एंबेसडर नवतेज सरना इसका हिस्सा होने वाले पहले भारतीय बने.

भारत अब अमेरिका की इस लिस्ट में शामिल होने वाला 11वां देश हो गया है, यह कस्टम-बॉर्डर प्रोटेक्शन की पहल से हुआ है. अब अमेरिका के कुछ चुनिंदा एयरपोर्टों पर भारतीयों को भी प्री-अप्रूवल के बाद सीधे तौर पर एंट्री मिलेगी, उन्हें कस्टम ऑफिसर्स के सवालों का सामना नहीं करना होगा. इसके लिए पहले लोगों को अपने फिंगरप्रिंट्स, पासपोर्ट आदि अन्य कुछ कागजात देने होंगे जिससे वे ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम के हिस्सा बनेंगे.

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कस्टम-बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) की वेबसाइट के मुताबिक, भारतीय नागरिक भी अब हमारे भरोसेमंद यात्री बन गए हैं. आपको बता दें कि ग्लोबल एंट्री के तहत अमेरिका में कुल 53 एयरपोर्ट हैं और 15 प्री-अप्रूवल लोकेशन हैं. भारत के अलावा यह सुविधा अर्जेंटीना, कोलंबिया, जर्मनी, मैक्सिको, नीदरलैंड, पनामा, सिंगापुर, स्विजरलैंड जैसे देशों को मिल रही है.

गौरतलब है कि पीएम हाल ही में अमेरिकी दौरे से लौटे हैं. मोदी और ट्रंप के बीच यह पहली मुलाकात थी, दोनों देशों के बीच कारोबार, आतंकवाद से जुड़े कई मुद्दों पर समझौते हुए.

 

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