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अमेरिकी सरकार का वो फैसला, जिससे वहां काम कर रहे भारतीयों को होगा जबरदस्त फायदा

अमेरिका की सरकार H-1B वीजा की रिन्यूअल प्रक्रिया को आसान करने के लिए एक नया प्रोग्राम शुरू करने जा रही है. पहले इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जा रहा है. इसका सबसे ज्यादा फायदा भारतीयों को होगा.

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H-1B वीजा को लेकर अमेरिकी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
H-1B वीजा को लेकर अमेरिकी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

अमेरिका की बाइडेन सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिसका सबसे ज्यादा फायदा वहां काम कर रहे भारतीयों को होगा. 

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दरअसल, अमेरिका H-1B वीजा की कुछ कैटेगरीज के लिए डोमेस्टिक रिन्यूअल के लिए एक पायलट प्रोग्राम शुरू करने जा रहा है. ये प्रोग्राम दिसंबर से शुरू होगा. अमेरिका का कहना है कि इसका सबसे ज्यादा फायदा यहां काम कर रहे भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स को होगा.

अमेरिका ने ये फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के लगभग पांच महीने बाद लिया है. जून में जब पीएम मोदी अमेरिका के राजकीय दौरे पर गए थे, तभी H-1B वीजा की रिन्यू प्रक्रिया को और आसान करने की तैयारी पर काम चल रहा था. पीएम मोदी की यात्रा के समय ही इस प्रोग्राम की औपचारिक घोषणा की गई थी.

वीजा सर्विसेस के लिए उप सहायक मंत्री जूली स्टफट ने न्यूज एजेंसी को बताया कि भारतीयों में अमेरिकी वीजा की मांग बहुत ज्यादा हो और हम नहीं चाहते कि वेटिंग पीरियड 6, 8 या 12 महीने का हो.

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भारतीयों पर फोकस है प्रोग्राम

उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि भारतीय यात्रियों को जल्द से जल्द अपॉइंटमेंट मिल जाए. और इसके लिए हम डोमेस्टिक वीजा रिन्यूअल प्रोग्राम शुरू कर रहे हैं, जिसका सबसे ज्यादा फोकस भारत पर है.

वीजा रिन्यूअल का पायलट प्रोग्राम तीन महीने तक चलेगा. इस दौरान 20 हजार नागरिकों का वीजा रिन्यू किया जाएगा. जूली स्टफट ने बताया कि पहले तीन महीनों में 20 हजार नागरिकों का वीजा रिन्यू होगा और इनमें से ज्यादातर अमेरिका में रह रहे भारतीय होंगे.

स्टफट ने कहा कि इसका सबसे ज्यादा फायदा भारतीय नागरिकों को होगा, क्योंकि अमेरिका में स्किल्ड वर्कर की सबसे बड़ी संख्या भारतीयों की है. उन्होंने कहा कि इससे भारतीयों को जबरदस्त फायदा होने की उम्मीद है और उन्हें वीजा रिन्यू के लिए भारत या कहीं दूसरे देश की यात्रा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. 

कैसे रिन्यू होगा वीजा?

दरअसल, H-1B वीजा गैर-अप्रवासी वीजा है. ये अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कामगारों को नियुक्त करने की मंजूरी देता है. जब भी कोई व्यक्ति अमेरिकी कंपनी में नौकरी करता है तो उसे H-1B वीजा जारी किया जाता है. 

अब तक ये होता था कि अगर किसी व्यक्ति का H-1B वीजा एक्सपायर हो गया है तो उसे रिन्यू करवाने के लिए दोबारा अपने देश लौटना पड़ता था. लेकिन अब रिन्यू प्रक्रिया के लिए स्वदेश नहीं आना पड़ेगा.

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स्टफट ने बताया कि अब अमेरिका में रहते हुए अपना वीजा मेल कर सकते हैं और फिर इसे रिन्यू कर दिया जाएगा. रिन्यूअल की प्रक्रिया के दौरान व्यक्ति को अमेरिका से बाहर रहने की जरूरत नहीं होगी.

उन्होंने साफ कर दिया कि वीजा रिन्यूअल की ये प्रक्रिया सिर्फ वर्क वीजा के लिए है. बाकी दूसरी तरह के वीजा के लिए प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं हुआ है. स्टफट ने बताया कि दिसंबर, जनवरी और फरवरी में 20 हजार वीजा रिन्यू होंगे और आगे दूसरी तरह की वीजा कैटेगरी के लिए भी इस तरह के प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे.

भारतीयों को कैसे होगा फायदा?

बाइडेन सरकार के इस फैसले को भारतीय-अमेरिकी समुदाय के नेता अजय जैन भूटोरिया ने 'महत्वपूर्ण' बताया है.

H-1B वीजा की रिन्यूअल प्रक्रिया को आसान बनाने से लगभग 10 लाख लोगों को फायदा होगा और इसमें बड़ी संख्या भारतीयों की होगी. 

अमेरिका में लाखों भारतीय काम कर रहे हैं. 2022 में अमेरिकी सरकार ने 4.42 लाख लोगों का H-1B जारी किया था. इनमें से 73 फीसदी भारतीय थे.

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