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आखिर INS विक्रांत से क्‍यों डर रहा है चीन?

भारत की स्वदेशी तकनीक से निर्मित विमान वाहक पोत और दूसरे विश्वयुद्ध के बाद जापान के सबसे बड़े युद्धक पोत को चीन अपने लिए खतरा मान रहा है.

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आईएनएस विक्रांत
आईएनएस विक्रांत

भारत की स्वदेशी तकनीक से निर्मित विमान वाहक पोत और दूसरे विश्वयुद्ध के बाद जापान के सबसे बड़े युद्धक पोत को चीन अपने लिए खतरा मान रहा है.

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चीन के सरकारी मीडिया में आई खबर में आरोप लगाया गया है कि कुछ देश बीजिंग की शक्ति को संतुलित करने के लिए नई दिल्ली का समर्थन कर रहे हैं.

‘ग्लोबल टाइम्स’ की वेबसाइट के एक लेख में कहा गया है कि भारत के आईएनएस विक्रांत और जापान के हेलीकॉप्टर वाहक का सेना में शामिल किया जाना चीन के लिए चेतावनी की भांति है.

शंघाई इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल स्टडीज के सेंटर फॉर एशिया-पेसिफिक स्टडीज के सहायक शोधार्थी लियू जोंग्यी ने लेख में लिखा है, ‘कुछ चीनी विद्वानों का कहना है कि भारत को अभी भी पोत के लिए महत्वपूर्ण तकनीक हासिल करनी हैं और वह पोत की मरम्मत और उसमें सुधार के लिए अन्य देशों पर निर्भर रहेगा.’

उन्होंने कहा, ‘लेकिन यह भी सच है कि कई देश आधुनिक हथियार विकसित करने में भारत की मदद कर रहे हैं. वह ऐसा सिर्फ लाभ के लिए नहीं बल्कि चीन की शक्ति को संतुलित करने के लिए भी कर रहे हैं.’

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लेख में दावा किया गया है, ‘भारत पश्चिमी देशों के इरादों से अच्छी तरह वाकिफ है. भारत के कुछ नेता और मीडिया संगठन चीन को रोकने के लिए जान-बूझकर भारतीय सेना को बेहतर बनाने की भूमिका पर जोर देते रहते हैं. वे पारंपरिक शक्तिओं को खुश करने के लिए ऐसा करते हैं.’ लेकिन साथ ही लेख में कहा गया है कि भारत के स्वदेश निर्मित विमान वाहक पोत को सेना में शामिल किए जाने पर खुशियां मनाई जानी चाहिए क्योंकि यह हथियारों के भारतीयकरण की ओर एक मजबूत कदम है.

लेख में कहा गया है, ‘यह लांच दिखाता है कि भारत सरकार को हथियारों के उत्पादन का स्वदेशीकरण करने में प्राथमिक सफलता मिल गई है. सरकार ने स्वदेशी पोत के निर्माण, अनुसंधान और विकास पर अरबों डॉलर खर्च किए हैं.’ स्वदेशी तकनीक से बनी नाभिकीय पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत के साथ इसके लांच से अगले वर्ष आम चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की स्थिति मजबूत होगी. उसमें लिखा है, ‘ये हथियार उत्पादन का स्वदेशीकरण में भारत की सफलता को दिखाते हैं.’

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