दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश इंडोनेशिया इन दिनों चावल की कमी और बढ़ी हुई कीमत से परेशान है. भारत सरकार की ओर से चावल निर्यात पर लगाए गए बैन और चक्रवात अल-नीनो के प्रभाव के कारण इंडोनेशिया चावल की कम आपूर्ति से जूझ रहा है. इससे निपटने के लिए सरकार 23 लाख टन चावल आयात करने पर विचार कर रही है, लेकिन वहां के स्थानीय किसान इसका भारी विरोध कर रहे हैं.
अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट साउथ चाइन मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंडोनेशिया चावल की कम आपूर्ति और बढ़ी हुई कीमत से जूझ रहा है. 40 प्रतिशत लोगों तक ही सरकारी खाद्य सहायता पहुंच पा रही है. चावल की कीमत में बेतहाशा बढ़ोतरी के साथ-साथ देश में चावल का कुशल वितरण करना भी सरकार के लिए चुनौती बन गई है.
देश में चावल की बढ़ी हुई कीमत से निपटने के लिए सरकार ने आयात प्रतिबंधों में भी छूट भी दी है. लेकिन इसके बावजूद इंडोनेशिया में चावल को लेकर दुविधा बनी हुई है. सरकार की ओर से अधिक चावल आयात करने के कदम का स्थानीय किसान भारी विरोध कर रहे हैं.
इंडोनेशिया में चावल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि
इंडोनेशिया के पर्यवेक्षकों का कहना है कि चावल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत सरकार की ओर से चावल निर्यात पर लगाया गए प्रतिबंध से भी देश में चावल की कीमत प्रभावित हुआ है. इसे नियंत्रित करने के लिए सरकार पड़ोसी देश चीन और थाइलैंड से चावल आयात करने पर विचार कर रही है. लेकिन सरकार के इस कदम का स्थानीय उत्पादकों की ओर से भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, एशिया के प्रमुख चावल उत्पादक देशों में मौसम गर्म रहने की उम्मीद है, जिससे चावल की कम उत्पादन होने की उम्मीद है. ऐसे में देश की खाद्य राज्य एजेंसी महंगाई को नियंत्रण और चक्रवाती तूफान अल-नीनो के प्रभाव को कम करने के लिए इस साल 23 लाख टन चावल आयात करेगी.
दक्षिण पूर्व एशियाई देश इंडोनेशिया दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा चावल उपभोक्ता है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 27 करोड़ आबादी वाले देश इंडोनेशिया में प्रत्येक व्यक्ति हर साल लगभग 114.6 किलो चावल खाता है.
इंडोनेशिया में चावल को लेकर स्थिति गंभीर
इंडोनेशिया स्थित पदजादजारन विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर सस्टेनेबल फूड स्टडीज के निदेशक रोनी नटविदजाजा का कहना है, "चावल को लेकर स्थिति काफी गंभीर होती जा रही हैं. इंडोनेशिया में आमतौर पर दिसंबर और मार्च महीने में चावल की कीमतें महंगी होती हैं, लेकिन इस बार अभी से ही चावल की कीमत बहुत ज्यादा है."
इंडोनेशिया के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त महीने में मध्यम गुणवत्ता वाले चावल की औसत कीमत पिछले पांच वर्ष के उच्चतम स्तर (11,400 इंडोनेशियन रुपये प्रति किलो) पर था. इंडोनेशिया में सबसे ज्यादा इसी किस्म की चावल खपत होती है.
चीन से चावल खरीदेगा इंडोनेशिया
संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन के आंकड़ों के अनुसार, चावल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इंडोनेशिया ने 2019 से 2021 के बीच 90 प्रतिशत से ज्यादा आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है. इसके बावजूद इस साल इंडोनेशिया ने जनवरी से अगस्त 2023 तक 159 लाख टन चावल का आयात किया. इसमें आधे से ज्यादा थाइलैंड से आयात किया गया. इसी अवधि के दौरान पिछले साल से तुलना की जाए तो यह छह गुना से भी ज्यादा है. इंडोनेशिया की राष्ट्रीय खाद्य एजेंसी ने 26 सितंबर को कहा है कि सरकार चीन से भी 10 लाख टन चावल आयात करेगी.
भारत चावल का सबसे बड़ा निर्यातक
भारत साल 2012 से चावल का सबसे बड़ा निर्यातक देश है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत ने कुल 42 लाख अमेरिकी डॉलर का चावल निर्यात किया था. इससे पहले वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने 3.3 मिलियन का चावल निर्यात किया था. चावल निर्यातक देशों की लिस्ट में पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर क्रमशः भारत, थाईलैंड और वियतनाम है.
केंद्र की मोदी सरकार ने 20 जुलाई को बड़ा फैसला लेते हुए गैर-बासमती चावल के निर्यात पर बैन लगा दिया था. भारत ने यह फैसला आगामी त्योहारी सीजन में घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और खुदरा कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए लिया है.