पाकिस्तान ने रक्षा मंत्री अरुण जेटली की वार्ता संबंधी टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. पाकिस्तान ने कहा है कि भारत उस पर कोई मेहरबानी नहीं कर रहा है इसलिए वार्ता प्रक्रिया में उसे कोई शर्त स्वीकार नहीं है. इससे पहले जेटली ने कहा था कि पाकिस्तान को यह तय कर लेना चाहिए कि उसे भारत से बात करनी है या कश्मीर के अलगाववादी नेताओं से.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता तस्नीम असलम ने नई दिल्ली में भारत आर्थिक शिखर सम्मेलन में जेटली की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'जैसा कि हम कहते आए हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता कोई मेहरबानी नहीं है, जो एक देश दूसरे पर कर रहा है. भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता इस क्षेत्र में शांति के लिए जरूरी है ताकि दक्षिण एशिया जनता के कल्याण और आर्थिक विकास पर भी ध्यान दे.'
असलम ने आगे कहा, 'हम कोई शर्त स्वीकार नहीं करते. कश्मीरी भारतीय अलगाववादी नहीं हैं. वे संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों द्वारा स्वीकार्य आत्मनिर्णय के अपने अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे अधिकृत क्षेत्र के लोग हैं. पाकिस्तान इस विवाद में पक्षकार है इसलिए यह विचार स्वीकार्य नहीं है.
गौरतलब है कि पाकिस्तान से सचेत चुनाव करने के लिए कहते हुए रक्षा मंत्री जेटली ने कहा था कि पाकिस्तान को एक सीमा रेखा खींचनी होगी कि वह भारत सरकार से बात करना चाहता है या उन लोगों से जो भारत को तोड़ना चाहते हैं.
-इनपुट भाषा से