आइए जानते हैं कि आखिर आसमान ऐसे लाल रंग में क्यों बदल गया...
मौसम विज्ञान की भाषा में इसे रेले स्कैटरिंग कहते हैं. यानी प्रकाश की किरणों के बिखरने की वजह से ऐसा होता है. आकाश का रंग तब बदलता है जब धुंए में मौजूद कण प्रकाश पड़ने पर अपना रंग बदल लेते हैं. धुएं में मौजूद अधिकतर कण आकार में करीब 1 माइक्रोमीटर के होते हैं. कुछ और भी छोटे कण होते हैं. इनका आकार 0.05 माइक्रोमीटर आकार के या उससे भी कम, जो धुएं में अधिक होते हैं. यही आकाश में सूरज की रोशनी पड़ते ही लाल रंग में बदल जाते हैं. इसलिए आप आकाश में नीले के बजाय लाल रंग दिखने लगता है. जो तस्वीरें वायरल हुई हैं वे दोपहर में ली गई थीं. इसलिए लाल रंग ज्यादा दिखाई दे रहा है. लेकिन वहां तापमान बराबर ही था.
Ini sore bukan malam. Ini bumi bukan planet mars. Ini jambi bukan di luar angkasa. Ini kami yang bernafas dengan paru-paru, bukannya dengan insang. Kami ini manusia butuh udara yang bersih, bukan penuh asap.
Lokasi : Kumpeh, Muaro Jambi #KabutAsap #KebakaranHutanMakinMenggila pic.twitter.com/ZwGMVhItwi
— Zuni Shofi Yatun Nisa (@zunishofiyn) September 21, 2019
क्या कह रहे हैं लोग?
इंडोनेशिया के जांबी राज्य में मेकर सारी गांव से भी ऐसी ही तस्वीरें आई हैं. वहां रहने वाली 21 वर्षीय एक वूलनडारी ने लाल रंग के आसमान की तस्वीरें फेसबुक पर सबसे पहले शेयर कीं. उसने लिखा उस दिन धुआं बहुत ज्यादा था. उसके बाद ये तस्वीरें अब तक 35 हजार से ज्यादा बार शेयर की जा चुकी हैं. दूसरे ट्विटर यूजर जूनी शोफी यतुन निशा ने भी लाल आसमान का वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि ये मार्स नहीं, जांबी है. हमें जीने के लिए साफ हवा चाहिए, धुआं नहीं. सैटेलाइट इमेज में जांबी के आसपास कई जगहों पर धुएं की मोटी परत बनी हुई है.
इस साल सबसे ज्यादा आग लगी इंडोनेशिया के जंगलों पर
हर साल के मुकाबले इस साल इंडोनेशिया के जंगलों में आग ज्याद लगी. ज्यादा दिन तक चली. आमतौर पर इंडोनेशिया में किसान अपनी फसलों को जलाते हैं. ये काम जुलाई से अक्टूबर तक बढ़ जाता है. इसकी वजह से इतना धुआं और प्रदूषण हो गया. लेकिन किसानों का ये तरीका बहुत पुराना है. इससे उनको लाभ होता है. जैसे अगर उनके खेत में कोई बीमारी फैलने की आशंका होती है तो स्लैश एंड बर्न पद्धत्ति से इसका निपटारा हो जाता है.