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शादी से बाहर अफेयर पर सख्त हुआ ये देश, सजा देने की तैयारी

इंडोनेशिया में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर और समलैंगिकता को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है. इसी का परिणाम है कि वहां की संसद में एक विधेयक पेश किया गया है जो एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर और समलैंगिकता को अपराध घोषित करने की बात करता है. जुलाई में ये विधेयक पारित किया जाएगा.

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गे होने के कारण इंडोनेशिया में एक व्यक्ति को सबके सामने कोड़े से पीटा जा रहा है (Photo- Reuters)
गे होने के कारण इंडोनेशिया में एक व्यक्ति को सबके सामने कोड़े से पीटा जा रहा है (Photo- Reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इंडोनेशिया में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को अपराध घोषित किया जाएगा
  • समलैंगिकता भी होगा अपराध
  • संसद में विधेयक पर जारी बहस

मुस्लिम बहुल देश इंडोनेशिया की संसद एक ऐसे विधेयक को पास कराने की कोशिश में है जिससे एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को देश में अपराध घोषित कर दिया जाएगा. संसद में फिलहाल इस नए विधेयक पर बहस जारी है. अगर ये विधेयक कानून बनता है तो देश में कथित अप्राकृतिक यौन संबंधों और समलैंगिक संबंधों को भी गैर-कानूनी घोषित कर दिया जाएगा. इस नए विधेयक ने मानवाधिकार  कार्यकर्ताओं की चिंता बढ़ा दी है क्योंकि उन्हें डर है कि विधेयक के पास होने पर विवाहेतर यौन संबंध रखने वालों और समलैंगिकों के खिलाफ हिंसा बढ़ जाएगी.

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इंडोनेशिया में समलैंगिकता और एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर फिलहाल अवैध नहीं हैं, लेकिन इस्लाम के कुछ कट्टर लोग इसे एक बड़ी बुराई के रूप में देखते हैं. इंडोनेशिया के आचेह राज्य में इस्लाम का शरिया कानून लागू है. यहां समलैंगिकता और एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को एक अपराध के रूप में देखा जाता है और दोषी करार दिए गए व्यक्ति को 100 कोड़े तक की सजा दी जाती है.

एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर घोषित होगा गैर-कानूनी

इंडोनेशिया के एक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडोनेशिया की सांसद कुर्नियासिह मुफिदयाती ने विधेयक को लेकर कहा है कि देश की आपराधिक संहिता में संशोधन के लिए एक नया विधेयक लाया गया है. इसमें ऐसे प्रावधान शामिल हैं जो एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर और समलैंगिकता को अपराध घोषित करेंगे. ये विधेयक जुलाई में पारित किया जाएगा.

बेनार न्यूज से बातचीत करते हुए सांसद ने कहा कि अप्राकृतिक यौन-संबंधों को भी नए कानून के तहत अपराध घोषित किया जाएगा. उन्होंने कहा, 'इस तरह के संबंधों की इजाजत देना देश के संविधान के खिलाफ है.'

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समलैंगिकता और एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को लेकर इंडोनेशिया में बढ़ रहा विरोध

इंडोनेशिया में हाल के दिनों में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर और एलजीबीटी विरोधी भावना बढ़ी है. पिछले हफ्ते, इंडोनेशिया के ब्रिटिश दूतावास ने LGBTQ समुदाय के अधिकारों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर एक इंस्टाग्राम पोस्ट किया था.

इस पोस्ट में दूतावास ने एक इंद्रधनुषी झंडे की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा था, 'ब्रिटेन एलजीबीटी अधिकारों और उनकी रक्षा करने वालों का समर्थन करेगा. एलजीबीटी अधिकार मौलिक मानव अधिकार हैं.'

इस पोस्ट के बाद इंडोनेशिया के रूढ़िवादी मुस्लिम नेताओं ने ब्रिटिश दूतावास की जमकर आलोचना की. उन्होंने ब्रिटिश दूतावास पर इंडोनेशिया के मूल्यों और संस्कृति का अनादर करने का आरोप लगाया. इसके बाद इंडोनेशिया के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को ब्रिटिश राजदूत को तलब भी किया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता तेउकू फैजास्याह ने दूतावास के इस कदम को पूरी तरह से असंवेदनशील बताया.

सेलिब्रिटी को मांगनी पड़ी माफी

इस महीने की शुरुआत में एक इंडोनेशियाई सेलिब्रिटी द्वारा होस्ट किए गए एक लोकप्रिय YouTube टॉक शो के खिलाफ देश में काफी हंगामा हुआ. दरअसल टॉक शो में एक समलैंगिक जोड़े को बुलाया गया था जिस पर देश का गुस्सा फूट पड़ा. होस्ट को वीडियो हटाने के लिए मजबूर किया गया और बाद में उन्हें माफी भी मांगनी पड़ी.

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इस घटना के बाद एक रूढ़िवादी मुस्लिम नेता ने समलैंगिकता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जिसके बाद राजनीतिक, कानूनी और सुरक्षा मामलों के राज्य मंत्री मोहम्मद महफुद एमडी ने एक ट्वीट कर कहा कि वो 2017 से ही विवाहेतर यौन और समलैंगिक संबंधों को अपराध घोषित करने की वकालत करते रहे हैं.

 मंत्री ने ट्वीट किया, 'आप लोग (सांसद) अभी भी इसे पारित नहीं कर पाए हैं. कानूनी आधार होने तक हम कानूनी कार्रवाई नहीं कर सकते. इसे कब पारित किया जाएगा? हम इंतजार करेंगे.'

नए विधेयक में एलजीबीटी का उल्लेख नहीं किया गया है लेकिन मंत्री ने कहा कि 'कुछ परिस्थितियों और तरीकों से' समलैंगिक संबंधों में लिप्त व्यक्ति को अपराधी घोषित किया जाएगा.

'मानवाधिकारों का उल्लंघन'

'सेंटर फॉर लीगल एंड पॉलिसी स्टडीज' के एक शोधकर्ता जोहाना पुरबा के अनुसार, इंडोनेशिया अगर ये कानून बना लेता है तो ये अंतरराष्ट्रीय कानून 'International Covenant on Civil and Political Rights (ICCPR)' का उल्लंघन होगा.

जोहाना ने कहा, 'किसी को उसकी यौन प्रवृत्ति के कारण अपराधी बताना मानवाधिकारों का उल्लंघन है और ये विधेयक निजता के अधिकार का भी उल्लंघन है. 

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