scorecardresearch
 

सर्जिकल स्‍ट्राइक की Inside Story: 3 किलोमीटर तक रेंगकर पहुंचे कमांडो, 4 घंटे में 40 को मारा

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक्स के बाद जश्न का माहौल है. सेना ने जो कहा वो किया. आतंकवादियों को उन्हीं की मांद में उनकी ही भाषा में जवाब दे दिया. 'आज तक' को इस हमले की पूरी इनसाइड स्टोरी पता लगी है. आइए समझते हैं कि इस हमले को सेना ने कैसे अंजाम दिया?

Advertisement
X
पहली बार LoC पार कर भारतीय सेना ने ऑपरेशन को दिया अंजाम
पहली बार LoC पार कर भारतीय सेना ने ऑपरेशन को दिया अंजाम

Advertisement

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक्स के बाद जश्न का माहौल है. सेना ने जो कहा वो किया. आतंकवादियों को उन्हीं की मांद में उनकी ही भाषा में जवाब दे दिया. 'आज तक' को इस हमले की पूरी इनसाइड स्टोरी पता लगी है. आइए समझते हैं कि इस हमले को सेना ने कैसे अंजाम दिया?

1. पहले कमांडोज को सुनसान जगह उतारा गया
उरी में निहत्थे भारतीय सैनिकों को मौत के घाट उतारने वालों को करारा जवाब मिल गया. वक्त रात के बारह बजे. पुंछ से एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर ध्रुव पर 4 और 9 पैरा के 25 कमांडो सवार होकर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में दाखिल हुए. नियंत्रण रेखा के पार हेलिकॉप्टर ने इन जवानों को एक सुनसान जगह उतार दिया. हर जगह खतरा था. पाकिस्तानी सेना की फायरिंग की आशंका के बीच इन कमांडोज ने तकरीबन तीन किलोमीटर का फासला रेंग कर तय किया. देश में तबाही मचाने के लिये यहां आतंकियों के लॉन्च पैड्स भिंबर, केल, तत्तापानी और लीपा इलाकों में स्थित थे.

Advertisement

पढ़ें: PAK में घुसकर हमारे 25 कमांडोज ने 40 आतंकियों और 9 सैनिकों को मारा

2. PAK सेना को नहीं लगी खबर
पाकिस्तानी सेना को भारत के इस कदम का कोई आभास नहीं हुआ. हमले से पहले आतंकियों के लॉन्चिंग पैड्स पर खुफिया एजेंसियां एक हफ्ते से नजर रखे हुए थीं. रॉ और मिलिट्री इंटेलिजेंस पूरी मुस्तैदी से आतंकवादियों की एक-एक हरकत पर नजर रखे हुए थी. सेना ने हमला करने के लिए कुल छह कैंपों का लक्ष्य रखा था. हमले के दौरान इनमें से तीन कैंपों को पूरी तरह तबाह कर दिया. कमांडोज तवोर और एम-4 जैसी राइफलों, ग्रेनेड्स, स्मोक ग्रेनेड्स से लैस थे. साथ ही उनके पास अंडर बैरल ग्रेनेड लॉंचर, रात में देखने के लिए नाइट विजन डिवाइसेज और हेलमेट माउंटेड कैमरा भी थे.

3. आतंकियों पर ग्रेनेड से हमला
पलक झपकते ही कमांडोज ने आतंकियों पर ग्रेनेड से हमला किया. अफरा-तफरी फैलते ही स्मोक ग्रेनेड के साथ ताबड़तोड़ फायरिंग की. फिर क्या था, देखते ही देखते 38 आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया. हमले में पाकिस्तानी सेना के दो जवान भी मारे गए. साथ ही इस ऑपरेशन में दो पैरा कमांडोज भी लैंड माइंस की चपेट में आने के कारण घायल हुए हैं.

4. चार घंटे चला ऑपरेशन
रात साढ़े बारह बजे शुरू हुए इस ऑपरेशन को साढ़े चार बजे तक खत्म कर लिया गया. दिल्ली में इस ऑपरेशन की तैयारी सेना मुख्यालय में रात आठ बजे से ही हो गई थी. राजधानी में बुधवार शाम कोस्टगार्ड कमांडर कॉफ्रेंस का डिनर रखा गया था. जिसमें रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, एनएसए अजित डोभाल और सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग को जाना था. इस डिनर में जाने की बजाय यह तीनों रात आठ बजे सीधे सेना मुख्यालय में मौजूद वॉर रूम में पहुंच गए. सेना प्रमुख दलबीर सुहाग ने इस ऑपरेशन की तारीफ करते हुए कहा है कि सेना ने अपने कहे का पालन किया है और चुनी हुई जगह और समय पर इसका जवाब दिया है.

Advertisement

ये भी पढ़ें: भार‍त सर्जिकल स्ट्राइक से भड़के नवाज शरीफ

5. रक्षा मंत्री और NSA ने की ऑपरेशन की मॉनिटरिंग
पूरे ऑपरेशन के दौरान रात में रक्षा मंत्री मनोहर परिकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, और सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ऑपरेशन की निगरानी करते रहे. इस दौरान ऑपरेशन की जानकारी लगातार प्रधानमंत्री मोदी को भी दी जा रही थी. अजित डोभाल ने रात ही में अपनी अमेरिकी समकक्ष सूसन राइस से भी बातचीत कर उनको भरोसे में लिया.

Advertisement
Advertisement