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पढ़ें: मोदी की इजरायल यात्रा पर क्या लिख रहे हैं विदेशी अखबार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इजरायल दौरे पर पूरी दुनिया की निगाह है. अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी इस दौरे को खासी अहमियत दी जा रही है.

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पीएम मोदी और इजरायल के पीएम बैंजामिन नेतन्याहू
पीएम मोदी और इजरायल के पीएम बैंजामिन नेतन्याहू

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अमेरिका के दौरे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी इजरायल यात्रा पर हैं. इसके साथ ही मोदी भारत के ऐसे पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं जिन्होंने इजरायल का दौरा किया है. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दिल खोलकर मोदी का स्वागत किया. इजरायली मीडिया ने भी भारतीय प्रधानमंत्री की इस यात्रा को हाथोहाथ लिया. मोदी के इस दौरे पर दुनियाभर की निगाहें हैं. विदेशी मीडिया ने भी इसे खासी तरजीह दी है.

 

डायचे वेले, जर्मनी

इजरायल मोदी के दौरे से विरोधियों को ये जताना चाहता है कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश उसका सबसे अच्छा दोस्त है. इजरायल भारत की दोस्ती का इस्तेमाल मिडिल-ईस्ट व एशिया के अन्य देशों के साथ डिप्लोमेसी में भी कर सकता है, ताकि दुनिया में उसकी स्वीकार्यता बढ़े.

 

अल जजीरा, कतर

भारतीय पीएम की यह ऐतिहासिक यात्रा है. दो अरब डॉलर के रक्षा सौदे होंगे. मोदी की मेक इन इंडिया पहल को इजरायल का समर्थन मिलेगा. पिछली सरकारों से उलट हिंदू नेता मोदी ने इजरायल पर भरोसा जताया है.

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हारेत्ज, इजरायल

हाल के वर्षों में किसी भी देश के राष्ट्राध्यक्ष का इस तरह स्वागत नहीं हुआ. यहां तक इस साल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आने पर भी इतनी गर्मजोशी नहीं दिखी थी.

 

न्यूयॉर्क टाइम्स

अपनी यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी भी इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की तरह आपसी रिश्तों को फिलिस्तीन के परिप्रेक्ष्य में देखने की पुरानी परंपरा तोड़ने के लिए उत्सुक हैं. भारत और इजरायल दोनों प्रतिकूल परिस्थितियों में कई साझा हितों के साथ एक-दूसरे के साथ आए हैं.

 

 वॉशिंगटन पोस्ट

वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी प्रतिक्रिया में इजरायल के साथ भारत के बढ़ते रक्षा और व्यापार संबंधों का उल्लेख किया है. साथ ही पिछले 25 साल में दोनों देशों के बीच हालात कैसे बदल गए हैं इसका भी जिक्र किया है.

 

चैनल 42, पाकिस्तान

भारत-इजरायल का पुराना गिरोह है. हमने देखा है कि कैसे पाकिस्तान को रोकने के लिए इजरायल ने भारत का सहयोग किया है. सुरक्षा विशेषज्ञ ब्रिगेडियर गजनफर अली ने हिंदू राष्ट्रवाद व यहूदी राष्ट्रवाद की तुलना की. उन्होंने कहा कि भारत की आक्रामक कूटनीतिक चालों का जवाब देना होगा.

 

 

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