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कोरोना काल में आतंकी-अपराधियों ने खुद को किया मजबूत, इंटरपोल ने किया खुलासा

कोरोना संकट के दौरान आतंकी संगठनों और अन्य अपराधी ग्रुपों ने अपने नेटवर्क को मजबूत करने की कोशिश की. इस दौरान पश्चिमी देशों में इसका असर सबसे अधिक दिखा, इंटरपोल ने अपनी रिपोर्ट में ये दावा किया.

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इंटरपोल ने जारी की है रिपोर्ट
इंटरपोल ने जारी की है रिपोर्ट
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोरोना काल में बढ़ा अपराधियों का दबदबा
  • इंटरपोल ने अपनी रिपोर्ट में किया खुलासा

कोरोना काल में जब लोग अपनी जान बचाने की सोच रहे थे, तब आतंकी अपनी ताकत को बढ़ाने पर फोकस कर रहे थे. पैसा, क्राइम, नेटवर्क के क्षेत्र में आतंकियों ने इस पूरे काल में अपने आप को मजबूत किया. अंतरराष्ट्रीय एजेंसी इंटरपोल ने साल 2020 को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें ये दावा किया गया है. 

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इंटरपोल के मुताबिक, आतंकी समेत कई अन्य अपराधियों ने कोरोना काल में अपने आप को फायदा पहुंचाया है. इस दौरान पैसों के बेस को बढ़ाया गया है, अपने नेटवर्क को मजबूत किया गया और साथ ही अन्य क्षेत्रों में हाथ आजमाया गया. 

इंटरपोल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अपराधियों की ओर से इस दौरान गलत जानकारियों को लोगों के बीच फैलाकर तनाव पैदा करने की कोशिश की गई.  

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इंटरपोल के मुताबिक, पश्चिमी देशों में कोरोना काल में दक्षिणपंथी लोगों को स्थिति मजबूत हुई है. आने वाले दिनों में भी पश्चिमी देशों में राइट विंग और लेफ्ट विंग के बीच टकराव बढ़ सकता है, ऐसे में पुलिस को हिंसा से निपटने की तैयारियां करनी होगी. 

कई देशों में कोरोना काल के बीच लोगों में गुस्सा पनपा और गृह युद्ध जैसे हालात बने. इस तरह की स्थितियों का आतंकी ग्रुपों ने फायदा उठाया और अपनी पैठ ऐसे संगठनों में बढ़ाई जो सत्ता के खिलाफ खड़े हो रहे हैं.

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अपराधियों की ओर से अब अपनी पैठ मेडिकल वर्ल्ड में बनाने की कोशिश की जा रही है, क्योंकि कोरोना काल में सबसे अधिक उपयोगी यही क्षेत्र साबित हुआ है.

आपको बता दें कि कोरोना संकट के बीच ही यूरोप के कुछ देशों में आतंकी हमले बढ़े थे, इसके अलावा अमेरिका जैसे देशों में कई बार हिंसा देखने को मिली थी. इतना ही नहीं, फ्रांस, इटली, न्यूजीलैंड जैसे देशों में आतंकी हमले हुए जिन्हें शांत इलाका माना जाता रहा है. 

 

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