प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर असहिष्णुता का आरोप लगाने वालों पर केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने बड़ा हमला किया है. उन्होंने कहा कि भारत में असहिष्णुता पर बहस न सिर्फ बेमानी है, बल्कि यह पैसे लेकर बेवजह खड़ा किया गया मुद्दा है.
लॉस एंजल्स में एक कार्यक्रम के दौरान विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा, 'असहिष्णुता पर बहस बेमानी है. यह बहुत सारा पैसा लेकर काल्पनिक दिमाग द्वारा खड़ा किया गया मुद्दा है.' सिंह अप्रवासी भारतीय सम्मेलन में भाग लेने अमेरिका गए हुए हैं. पहले इस कार्यक्रम में सुषमा स्वराज को हिस्सा लेना था, लेकिन पेरिस हमले के बाद सुषमा स्वराज ने अपना दौरा बीच में रद्द कर दिया.
राजनीति से प्रेरित थी बहस
दो दिवसीय सम्मेलन में बोलते हुए वीके सिंह ने कहा, 'भारत में असहिष्णुता पर छिड़ी बहस असल में राजनीति से प्रेरित थी और यह एक सोची-समझी नीति के तहत बिहार विधानसभा चुनाव से पहले शुरू की गई.' केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, 'मैं इस बात पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता कि भारतीय मीडिया कैसे काम करती है. मैं आपको उन हास्यास्पद बातों की ओर ले जाना चाहूंगा जो असहिष्णुता को लेकर कही जा रही हैं.'
'दिल्ली में उठा था चर्च पर हमले का मुद्दा'
वीके सिंह ने कहा, 'जब दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने थे तो अचानक से चर्च पर हमलों की खबर आती है. खबर यह भी आती है कि ईसाई समुदाय की अनदेखी हो रही है. चर्च में चोरी की एक छोटी घटना को चर्च पर हमले की घटना करार दिया जाता है. क्यों? क्योंकि कोई था जो इसके बल पर वोट पाना चाहता था. मैं नहीं जानता इसके लिए किसने पैसे लिए और लिए या नहीं. मैं सिर्फ तथ्य रख रहा और आप देखिए कि जैसे ही चुनाव खत्म हुए चर्च पर हमलों की चर्चा गायब हो गई. ऐसा ही कुछ असहिष्णुता पर बहस के साथ भी हुआ है.'