यूक्रेन के यात्री विमान पर हमले की बात कबूलने के बाद ईरान ने अब एक और बात स्वीकार की है. ईरान ने यह मान लिया है कि उसकी सेना ने यूक्रेन के विमान पर दो मिसाइल दागी थीं, जिससे 176 लोगों की जान चली गई थी.
ईरान ने यह हमला अपने सेना कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद किया था. कासिम सुलेमानी को अमेरिका ने इराक की सरहद में एयरस्ट्राइक में मार गिराया था. सुलेमानी की मौत का बदला लेने की फिराक में ईरान ने यात्री विमान को निशाना बनाया था.
शुरुआत में आरोपों को नकारने के बाद ईरान ने बाद में यह स्वीकार कर लिया था कि यह हमला उनकी गलती से हुआ है. अब ईरान ने रूसी मिसाइलों के इस्तेमाल की बात भी कबूली है. ये वो मिसाइल थीं, जो TOR-M1 से दागी गई थीं.
TOR-M1 एक ऐसा मिसाइल सिस्टम है, जो जमीन से आसमान तक वार करता है. इसका इस्तेमाल आसमान में वार करने के लिए किया जाता है. ये रूसी तकनीक का बेहतर मिसाइल सिस्टम है, जो हर प्रकार की परिस्थिति में काम करता है. ईरान ने 2017 में रूस से 29 TOR M-1 खरीदे थे, जिसका इस्तेमाल यूक्रेनी विमान पर हमले के लिए किया गया.
क्या है पूरा मामला
अमेरिका ने 3 जनवरी को एयरस्ट्राइक में ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराया था. यह हमला इराक की सरहद में किया गया था. कासिम सुलेमानी को ईरान का दूसरे सबसे ताकतवर शख्स का ओहदा प्राप्त था, जिसके चलते पूरे ईरान में उनकी मौत के बाद गुस्सा देखने को मिला. ईरान की सरकार ने सार्वजनिक तौर पर सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए कहा. इराक में अमेरिका के सैन्य ठिकानों पर ईरान ने रॉकेट भी दागे.
बदले की इस आग में ईरान ने 8 जनवरी के अंधेरे में अमेरिका पर हमले की चक्कर में तेहरान के पास यूक्रेन के उस यात्री विमान को ही निशाना बना दिया, जिसमें ज्यादातर यात्री ईरान के थे. विमान पर मिसाइलें दागी गईं, जिससे 176 लोगों की मौत हो गई.
हमले के बाद अमेरिका ने ईरान को ही जिम्मेदार ठहराया था. पहले ईरान आरोपों को नकारता रहा, लेकिन बाद में उसने माना कि यह हमला उनकी गलती से हुआ है. इसके बाद ईरान के अंदर ही गुस्सा देखने को मिला. अब जबकि इस हमले की जांच चल रही है, तो ईरान ने यह बात भी कबूल ली है कि विमान पर TOR M-1 से दो मिसाइल दागी गईं.