ईरान के इजरायल पर हमले के बाद मध्य पूर्व में तनाव गहरा गया है. ईरान ने शनिवार-रविवार देर रात इजरायल पर 300 से ज्यादा ड्रोन और मिसाइलों से हमला कर दिया. हालांकि, इजरायल का दावा है कि उसने ईरान के 99% मिसाइल और ड्रोन मार गिराए हैं.
संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान ने कहा कि इस हमले ने सभी सीमाएं लांघ दी हैं और इजरायल के पास इसका जवाब देना का पूरा हक है.
वहीं, ईरान और इजरायल की लड़ाई ने दुनिया को एक बार फिर दो धड़ों में बांट दिया है. व्हाइट हाउस का कहना है कि अगर इजरायल ईरान पर कोई भी हमला करता है, तो उसमें अमेरिका साथ नहीं देगा. इस बीच रूस ने अमेरिका को चेतावनी दी है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि वह ईरान और इजरायल मामले में दखल नहीं दें. पुतिन ने कहा कि अगर ईरान पर इजरायल के काउंटर अटैक में अमेरिका शामिल होता है तो या किसी तरह से मदद करता है तो हम हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठेंगे. हम खुलकर ईरान के समर्थन में खड़े हो जाएंगे.
इससे पहले रूस ने ईरान और इजरायल, दोनों से संयम बरतने की अपील की थी. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने ईरानी विदेशी मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन से टेलीफोन पर भी बात की थी.
अमेरिका की इजरायल को दो टूक
ईरान के हमले के बीच मिडिल ईस्ट में तनाव गहराया हुआ है. ईरान के हमले के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस डटकर इजरायल के पाले में खड़े हो गए. अमेरिका और ब्रिटेन ने ईरान की कई मिसाइलों और ड्रोन को हवा में ही मार गिराया. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू की फोन पर बात हुई.
इस दौरान दोनों नेताओं के बीच मौजूदा स्थिति पर चर्चा हुई. बाइडेन ने कहा कि ईरान के खतरों के खिलाफ हम इजराइल की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम उसके लिए मजबूती के साथ खड़े हैं. लेकिन अमेरिका ने नेतन्याहू से दो टूक कह दिया कि ईरान के हमलों से इजरायल को बचाने की जंग में हम उनके साथ खड़े हैं. लेकिन अगर इजरायल किसी भी प्रारूप में ईरान पर काउंटर अटैक करता है तो अमेरिका उसका समर्थन नहीं करेगा.
जब ईरान ने इजरायल पर दागी मिसाइलें
बता दें कि ईरान ने 13 अप्रैल की आधीरात को इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन अटैक किए थे. ईरान ने इजरायल पर 300 से ज्यादा अलग-अलग तरह के ड्रोन हमले किए थे, जिनमें किलर ड्रोन से लेकर बैलिस्टिक मिसाइल और क्रूज मिसाइलें शामिल थी. इस हमले के तुरंत बाद इजरायली सेना ने एयर डिफेंस सिस्टम को एक्टिवेट कर दिया था.
इजराली सेना IDF के प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने बताया था कि ईरान ने इजरायल पर सीधे हमला किया है. इजरायल ने एरो एरियल डिफेंस सिस्टम के जरिए इन अधिकतर मिसाइलों को मार गिराया है. कहा गया कि इजरायल ने ईरान के 99 फीसदी हवाई हमलों को विफल कर दिया था. इस हमले के बाद अमेरिका और ब्रिटेन सहित कई देश इजरायल की मदद को आगे आए थे.
ईरान ने इजरायल पर क्यों किया था हमला?
एक अप्रैल को सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हमला किया गया था. इस हमले में ईरान ने अपने एक टॉप कमांडर सहित कई सैन्य अधिकारियों की मौत का दावा किया गया था. ईरान ने इस हमले के लिए सीधे तौर पर इजरायल को जिम्मेदार ठहराया था. यही वजह है कि उसने बदला लेने के लिए इजरायल पर ताबड़तोड़ हमले किए और इस कार्रवाई को ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस का नाम दिया था.
ईरान का कहना है कि उसने 'ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस' इसलिए कोडनेम दिया है ताकि वो अपने दोस्तों और दुश्मनों को बता सके कि वो जो भी कहता है उस पर अमल करता है. वो सच्चा वादा करना जानता है. जो वादा करता है उसे निभाता है.