ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने रविवार को अमेरिका को चेताते हुए कहा कि अमेरिका तेहरान और विश्व की ताकतों के बीच हुए परमाणु समझौते को अमेरिका तोड़ता है तो वाशिंगटन को बाद में पछताना पड़ेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि 12 मई को वह समझौते को आगे नहीं बढ़ाएंगे.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने मांग की है कि अमेरिका के यूरोपीय सहयोगी खामियों को दूर करें नहीं तो वह फिर से पाबंदी लगाएंगे. उत्तर-पश्चिम ईरान में टेलीविजन पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति रूहानी ने कहा, ‘अगर अमेरिका परमाणु समझौते को छोड़ता है तो आप जल्द ही देखेंगे कि उन्हें उस तरह पछतावा होगा जैसा इतिहास में कभी नहीं हुआ.’
रूहानी ने कहा, ‘ट्रंप को जानना चाहिए कि हमारे लोग एकजुट हैं, यहूदी शासन (इस्राइल) को यह जरूर जानना चाहिए कि हमारे लोग एकजुट हैं.’पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की अगुवाई में 2015 में अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और ईरान के बीच परमाणु समझौता हुआ था.
इजरायल ने की भारत से बात
ईरान परमाणु समझौते पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने के मकसद से इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी को हालिया घटनाक्रम की जानकारी दी. नेतन्याहू के मीडिया सलाहकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इजरायली प्रधानमंत्री ने तीन अहम अंतरराष्ट्रीय नेताओं मोदी, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल और ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे से बात की है.
मीडिया सलाहकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि नेतन्याहू ने विश्व नेताओं के साथ क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की और उन्हें जानकारी दी कि उन्होंने ईरान के परमाणु संग्रह के संबंध में महत्वपूर्ण सामग्री का खुलासा किया है. नेतन्याहू ने पहले मीडिया को बताया था कि वह 100,000 से ज्यादा दस्तावेज साझा करेंगे.