ईरान के पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमले के बाद से दोनों देशों के बीच सियासत गरमा गई है. ईरान की इस कार्रवाई से भड़के पाकिस्तान ने ईरान पर भी जवाबी हमले किए. लेकिन इस तनाव के बीच सवाल उठ रहे हैं कि क्या पाकिस्तान ने ईरान पर हवाई हमले से पहले अमेरिका से चर्चा की थी?
इस बीच ईरान और पाकिस्तान में बढ़े तनाव के बीच अमेरिका की एंट्री से माहौल गरमा गया है. ऐसे में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से जब ये पूछा गया कि क्या अमेरिका और पाकिस्तान के बीच किसी तरह की राजनयिक बातचीत हुई है. या फिर पाकिस्तान की तरफ से ईरान के हमले के जवाब को लेकर किसी तरह के सुझाव मांगे गए थे.
इस पर मैथ्यू मिलर ने कहा कि ऐसी कोई विशेष बातचीत नहीं हुई थी. मिलर से जब ये पूछा गया कि क्या अमेरिका मिडिल ईस्ट संकट को खत्म करने के लिए किसी तरह की बातचीत में शामिल हो सकता है. इस पर उन्होंने कहा कि मैं इस पर बात नहीं करना चाहता कि क्या हो सकता है या क्या नहीं हो सकता. अमेरिका हमेशा मिडिल ईस्ट में शांति और सुरक्षा बनाए रखना चाहता है.
ईरान और पाकिस्तान के बीच तनाव से नुकसान होगा
मिलर ने कहा कि सात अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले के बाद से मिडिल ईस्ट फिलहाल तनाव के दौर से गुजर रहा है. यमन के हूती विद्रोही लाल सागर में जहाजों को निशाना बना रहे हैं . हिजबुल्लाह और इजरायल एक दूसरे पर हमले कर रहे हैं और अब ईरान और पाकिस्तान भी इसमें कूद गए हैं.
ईरान और पाकिस्तान संघर्ष पर अमेरिका के रुख के बारे मे पूछने पर मैथ्यू मिलर ने कहा कि अगर दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ता है तो ये किसी के भी हित में नहीं होगा. अमेरिका विदेशी जमीं पर अपने लोगों की रक्षा करना जारी रखेगा.
ईरान के हूती विद्रोहियों के समर्थन की वजह से अमेरिका का उसके साथ तनाव बना हुआ है. हूती विद्रोही लगातार लाल सागर में व्यावसायिक जहाजों को निशाना बना रहे हैं.
उन्होंने कहा कि हम इन हमलों की निंदा करते हैं. हमने ईरान को बीते कुछ दिनों में उसके पड़ोसी देशों की संप्रभु सीमाओं का उल्लंघन करते देखा है. एक तरफ, ईरान मिडिल ईस्ट में आतंकवाद की फंडिंग का सबसे बड़ा स्रोत है. दूसरी तरफ, उनका दावा है कि वे आतंकवाद से निपटने के लिए ये कार्रवाई कर रहे हैं.
बता दें कि बीती मंगलवार रात ईरान ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर मिसाइलों और ड्रोन से ताबड़तोड़ हमले कर दिए थे. ईरान को ये शक था कि उसका पुराना दुश्मन सऊदी अरब पाकिस्तान की सीमा से उस पर हमला करने वाले आतंकी संगठन जैश-अल-अदल आतंकी गुट को शह दे रहा है.
इस संबंध में ईरान के विदेश मंत्री ने कहा था कि हमारे मिसाइल और ड्रोन हमले से पाकिस्तान में किसी भी नागरिक को निशाना नहीं बनाया गया. पाकिस्तान में जैश अल-अद्ल नाम का एक ईरानी आतंकी संगठन है. इन आतंकियों ने पाकिस्तान के सिस्तान-बलूचिस्तान के कुछ हिस्सों में पनाह ली है.
उन्होंने कहा कि हमने पाकिस्तान में कई अधिकारियों से बात की है. इन आतंकियों ने ईरान में हमारे खिलाफ कुछ ऑपरेशन किए. हमारे सुरक्षाकर्मियों को मार गिराया. हमने उसी के अनुरूप इन पर कार्रवाई की है. हमने पाकिस्तान की जमीं पर सिर्फ ईरान के आतंकियों पर हमला किया है.
उन्होंने कहा कि मैंने पाकिस्तान के हमारे विदेश मंत्री से बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि हम पाकिस्तान का सम्मान करते हैं, उनकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हैं. लेकिन हम हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं कर सकते. हमारी कुछ आपत्तियां थीं. हमने जो भी किया, वह पाकिस्तान और इराक की सुरक्षा के मद्देनजर ही किया.