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ईरान में हमला: सुप्रीम कमांडर रहे खुमैनी का यूपी से है खास नाता

ईरान की संसद पर बड़ा हमला हुआ है. बुधवार दोपहर संसद भवन में लगातार गोलीबारी हुई. खबरों के मुताबिक, लगभग 4 बंदूकधारियों ने अंदर घुसकर कई लोगों को बंधक बना लिया. संसद के अलावा तेहरान के खुमैनी मकबरा पर भी गोलीबारी हुई.

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खोमैनी स्मारक,  फोटो- ट्विटर
खोमैनी स्मारक, फोटो- ट्विटर

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ईरान की संसद पर बड़ा हमला हुआ है. बुधवार दोपहर संसद भवन में लगातार गोलीबारी हुई. खबरों के मुताबिक, लगभग 4 बंदूकधारियों ने अंदर घुसकर कई लोगों को बंधक बना लिया. संसद के अलावा तेहरान के खुमैनी मकबरा पर भी गोलीबारी हुई.

पढ़ें ईरान की संसद के बारे में...

# ईरान की संसद 16 नवंबर 1906; को बनाई गई थी, जिसके बाद 1980 में इसका पुनरोद्धार किया गया.

# ईरानी संसद में कुल 290 सदस्य हैं, इस्लामिक क्रांति के बाद ईरानी संसद का अभी 10 टर्म चल रहा है. वहीं इस्लामिक क्रांति से पहले कुल 24 टर्म हो चुके थे.

# ईरानी संसद में कुल 4 वर्ष का कार्यकाल होता है, यहां आखिरी बार चुनाव पिछले वर्ष फरवरी में हुए थे.

# ईरानी संसद में 4.8 फीसदी नॉन-मुस्लिम सदस्य हो सकते हैं, वहीं लगभग 8 फीसदी तक महिलाएं सदस्य हो सकती हैं.

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जानें कौन थे, अयातोल्ला रुहोल्ला खुमैनी...?

# खुमैनी मकबरा ईरान के पहले सुप्रीम नेता अयातोल्ला रुहोल्ला खुमैनी की समाधि है. अयातोल्ला एक शिया मुसलमान थे. ईरानी क्रांति के बाद उन्होंने 11 साल तक ईरान पर शासन किया था.

# 1979 में अयातोल्ला खोमैनी को टाइम पत्रिका ने सबसे प्रभावशली नेता के रूप में चुना था.

# खास बात यह है कि खुमैनी का भारत से काफी गहरा नाता है. रुहोल्ला खुमैनी के दादा सैय्यद आख्मद मूसावि हिंदी, उत्तर प्रदेश के किंतूर गांव में जन्मे थे. हिंदी 1834 में ईरान में बसे थे, और 1939 से खुमैन में रहे.

# मार्च, 1903 में लोगों ने उनके पिता की हत्या कर दी थी, जिसके बाद उन्हें उनकी माता और नानी ने पाला था.

# 1989 में रुहोल्ला खुमैनी ने भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी के खिलाफ फतवा जारी किया था, और कई राजनीतिक कैदियों को मरवाने का भी आदेश दिया था. उन्होंने सलमान की The Satanic Verses किताब के बाद यह फतवा जारी किया था.

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