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टक्कर के बाद तीन टुकड़ों में टूट गया था रईसी का हेलिकॉप्टर, मौके पर पहुंचे तुर्की के व्लॉगर ने 60 सेकेंड में बताया क्रैश का मंजर

तुर्की के व्लॉगर ने अपने वीडियो में समझाया है कि आखिर घटनास्थल का मंजर कैसा है? इस व्लॉगर का नाम एडम मेतान है. वीडियो में एडम कहते हैं कि हेलिकॉप्टर का पिछला हिस्सा यहां पड़ा है जबकि बाकी का हिस्सा उस तरफ है. वह बताता है कि हम बहुत ही मुश्किल स्थितियों में यहां तक पहुंचे हैं. 

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तुर्की का व्लॉगर
तुर्की का व्लॉगर

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की रविवार को हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई. रईसी की मौत पर शुरुआत से ही संशय बना हुआ है. जिस समय उनका हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ. वह अजरबैजान में किज कलासी और खोदाफरिन बांध का उद्घाटन करने गए थे.

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वह बांध प्रोजेक्ट का उद्घाटन करने के बाद तबरेज जा रहे थे कि रास्ते में ही उनका हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया. लेकिन इस बीच तुर्की का एक व्लॉगर (Vlogger) उस जगह के पास पहुंच गया है, जहां रईसी का हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था. व्लॉगर ने घटनास्थल से एक मिनट का वीडियो भी शूट किया है. 

तुर्की के व्लॉगर ने अपने वीडियो में समझाया है कि आखिर घटनास्थल का मंजर कैसा है? इस व्लॉगर का नाम एडम मेतान (Adem Metan) है. वीडियो में एडम कहते हैं कि हेलिकॉप्टर का पिछला हिस्सा यहां पड़ा है जबकि बाकी का हिस्सा उस तरफ है. वह बताता है कि हम बहुत ही मुश्किल स्थितियों में यहां तक पहुंचे हैं. 

इस वीडियो में मलबे को एक पेड़ के पास देखा जा सकता है. इस मलबे को व्लॉगर ईरान के दिवंगत राष्ट्रपति रईसी के हेलिकॉप्टर का बता रहा है. वीडियो में हर तरफ भारी कोहरे को देखा जा सकता है. वीडियो में वह अलग-अलग दिशाओं की तरफ इशारा करते हुए बता रहा है कि हेलिकॉप्टर के हिस्से यहां और वहां हैं. 

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वीडियो में क्या कह रहा है व्लागर?

इस वीडियो में एडम कह रहे हैं कि वह हेलिकॉप्टर क्रैश साइट पर पहुंचने वाले पहले शख्स हैं. वह वर्ल्ड मीडिया से पहले क्रैश साइट पर पहुंचने वाले शख्स हैं. वह वीडियो में बताते हैं कि हेलिकॉप्टर तीन हिस्सों में टूटा हुआ है. हेलिकॉप्टर का अगला हिस्सा जला हुआ है. हेलिकॉप्टर के पायलट की शायद जलने से मौत हुई होगी. हेलिकॉप्टर का अगला हिस्सा जंगल में नीचे ढलान की तरफ बहुत गहराई में है, जहां हमें जाने की इजाजत नहीं है. 

बता दें कि ईरान के राष्ट्रपति रईसी का हेलिकॉप्टर लापता होने के बाद उसकी खोजबीन शुरू की गई थी. लेकिन इस रेस्क्यू ऑपरेशन को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. बर्फीले मौसम के बीच पहाड़ियों में हेलिकॉप्टर को खोजना बहुत मुश्किल काम था. बारिश ने रेस्क्यू टीम की दिक्कतों को और बढ़ा दिया था. इस वजह से 17 से भी अधिक घंटों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा. इस दौरान विजिबिलिटी बहुत कम हो गई थी.  लेकिन बाद में ईरान सरकार ने रईसी सहित हेलिकॉप्टर में सवार सभी नौ की लोगों की मौत की पुष्टि कर दी.

क्या थी हादसे की वजह?

ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स में शुरुआती कारण खराब मौसम को बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि खराब मौसम की वजह से इस हेलिकॉप्टर की 'हार्ड लैंडिंग' हुई. तेहरान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक हादसा घने कोहरे की वजह से हुआ. दुर्घटना तेहरान से करीब 600 किलोमीटर (375 मील) उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान प्रांत की सीमा पर जोल्फा के पास हुआ. 

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राष्ट्रपति के काफिले में तीन हेलिकॉप्टर शामिल थे, जिनमें से दो तो सुरक्षित लौट आए, लेकिन वह हेलिकॉप्टर वापस नहीं लौटा जिसमें इब्राहिम रईसी के साथ ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर मालेक रहमती और धार्मिक नेता मोहम्मद अली आले-हाशेम भी सवार थे.

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