ईरान ने अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करते हुए एक भूमिगत "मिसाइल सिटी" का एक नया वीडियो जारी किया है. इसमें एक लंबी सुरंग में भारी हथियारों के बीच गुजरते हुए देखा जा सकता है. मंगलवार, को जारी इस वीडियो में ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल मोहम्मद बागेरी और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) एयरोस्पेस फोर्स के कमांडर अमीर अली हाजीज़ादे एक टनल के अंदर मिसाइल बेस का दौरा करते हुए दिख रहे हैं
ईरानी मीडिया द्वारा जारी फुटेज में दिखाया गया कि यह भूमिगत ठिकाना विभिन्न प्रकार की बैलिस्टिक मिसाइलों से भरा हुआ है. यह वीडियो सरकारी मीडिया द्वारा जारी किया गया है और इसमें खतरनाक बैकग्राउंड म्यूजिक के साथ यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि ईरान किसी भी हमले को झेलने और कड़ा जवाब देने में सक्षम है.अधिकारी एक विशेष वाहन में सवार होकर इस जटिल सुरंग प्रणाली के अंदर भ्रमण करते दिख रहे हैं.
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वीडियो में क्या दिखाया गया?
इस 85-सेकंड के वीडियो में ईरान की सशस्त्र सेनाओं के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल मोहम्मद हुसैन बागेरी और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) की एयरोस्पेस फोर्स के कमांडर अमीर अली हाजीज़ादे को ईरान की सबसे उन्नत मिसाइलों और रॉकेटों के बीच चलते हुए देखा जाता है. इनमें ख़ैबर शिकन, क़ादर-एच, सज्जील, हाज कासिम और पावे लैंड अटैक क्रूज़ मिसाइलें शामिल हैं. इनमें से कुछ हथियारों का इस्तेमाल ईरान ने पिछले साल इज़राइल पर हमले में किया था.
इस लेकर कमांडर हाजीज़ादे ने कहा,"अगर हम आज से शुरू करें, तो हम हर हफ्ते एक नई मिसाइल सिटी का अनावरण कर सकते हैं. यह परियोजना अगले दो वर्षों तक जारी रहेगी." इस बयान से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि ईरान अपनी रक्षा क्षमताओं को लगातार मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.
अमेरिकी धमकी के बीच जारी किया वीडियो
यह वीडियो ऐसे समय में सामने आया है जब अमेरिका और ईरान के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है. हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तेहरान को परमाणु समझौते पर फिर से बातचीत के लिए दो महीने का अल्टीमेटम दिया है. इससे पहले, 2018 में ट्रंप प्रशासन ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा हस्ताक्षरित परमाणु समझौते से अमेरिका को बाहर कर दिया था. इसके अलावा, ट्रंप ने संकेत दिया है कि अमेरिका हूती विद्रोहियों के खिलाफ चल रहे सैन्य अभियानों में ईरान को भी निशाना बना सकता है, क्योंकि ईरान को इन विद्रोहियों का मुख्य समर्थक माना जाता है.
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