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‘अपने जवानों को एक्शन ना लेने के लिए कह रहा ईरान, पीछे खींचेगा कदम’: माइक पेंस

ईरान के द्वारा इराक में मौजूद अमेरिकी एयरबेस पर हमले के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी है. अब माइक पेंस का कहना है कि उनके पास इंटेलिजेंस इनपुट आया है कि ईरान ने अमेरिका की इच्छा के खिलाफ ना जाने की सलाह दी है.

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अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस (फोटो: रॉयटर्स)
अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस (फोटो: रॉयटर्स)

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  • अमेरिका का दावा- हमले से घबराया ईरान
  • ईरान ने जंग से पैर पीछे किए: माइक पेंस
  • गुरुवार को फिर दागे गए दो रॉकेट

अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने दावा किया है कि ईरान अब बैकफुट पर आ गया है और उसने अपनी फोर्स को संदेश देना शुरू कर दिया है. ईरान के द्वारा इराक में मौजूद अमेरिकी एयरबेस पर हमले के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी है. अब माइक पेंस का कहना है कि उनके पास इंटेलिजेंस इनपुट आया है कि ईरान ने अमेरिका की इच्छा के खिलाफ ना जाने की सलाह दी है.

एक इंटरव्यू में अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें लगातार इनपुट मिल रहे हैं कि ईरान ने अपनी सेना को कहा है कि अब अमेरिका की सेना या उनके नागरिकों के खिलाफ कदम ना उठाएं. हमें उम्मीद है कि ईरान का ये संदेश लगातार फैलता जाए और हर उनके हर जवान के पास पहुंचे.

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बता दें कि अमेरिका के द्वारा ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी को मारने के बाद ईरान ने अपना बदला लिया है. ईरान की ओर से 22 बैलेस्टिक मिसाइल दागी गईं, जिनका निशाना इराक में मौजूद अमेरिका का एयरबेस था. ईरान की ओर से दावा किया गया था कि इसमें 80 से अधिक अमेरिकी जवानों की मौत हो गई है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने राष्ट्र को संबोधन में ये दावा किया कि ईरानी हमले में किसी भी अमेरिकी सैनिक की मौत नहीं हुई है. अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने दावा किया कि जनरल सुलेमानी की मौत के बाद अमेरिकी नागरिक अब सुरक्षित हैं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ईरान में सरकार बदलना नहीं चाहती है लेकिन सरकार के व्यवहार में बदलाव चाहती है.

माइक पेंस बोले कि हम एक ऐसे देश से मुकाबला कर रहे हैं जो 20 साल से आतंक का समर्थन कर रहा है. लेकिन हम भी पूरी तरह से तैयार हैं. अमेरिका को लगातार इनपुट मिल रहे थे, इसी वजह से सुलेमानी का मारा जाना जरूरी था.

बता दें कि ईरान ने गुरुवार को भी इराक के ग्रीन जोन में दो रॉकेट दागे थे, हालांकि इसमें कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ था. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से कहा गया है कि वह ईरान में शांति चाहते हैं, अगर वह कुछ करेगा तो अमेरिका कड़ा जवाब देगा.

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