ईरान ने विवादित परमाणु कार्यक्रम पर उससे सीधी बातचीत करने की अमेरिकी उपराष्ट्रपति जो बाइडेन की पेशकश पर सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की लेकिन साथ ही मांग की कि पश्चिमी देश उस पर दबाव डालना बंद करे. ईरान के विदेश मंत्री अली अकबर सालेही ने बाइडेन के बयान को ‘सकारात्मक’ एवं ‘आगे की दिशा में कदम’ बताकर उसका स्वागत किया.
लेकिन इसी के साथ उन्होंने अपने देश का यह रूख दोहराया कि वह अमेरिका के साथ बातचीत के लिए तभी तैयार होगा जब वह समानता के आधार पर हो. उन्होंने तीन दिवसीय म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के अंतिम दिन करीब 400 प्रतिनिधियों से कहा, ‘दुर्भाग्य से हर बार जब हम बातचीत करते हैं तो यह दूसरा पक्ष ही है जो अपने वादों पर नहीं टिका रहता.’
बाइडेन ने शनिवार को कहा था कि ओबामा प्रशासन ईरान से उसके परमाणु गतिरोध पर सीधी बातचीत के लिए तैयार है बशर्ते ईरानी नेतृत्व उसे गंभीरता से ले.
गौरतलब है कि ईरान ने अपने परमाणु अभियान के मुद्दे पर विश्व की प्रमुख ताकतों के साथ बातचीत का ऐलान करते हुए कहा है कि अमेरिका की ओर से दो दिवसीय वार्ता के प्रस्ताव के ‘विश्वसनीय’ होने पर इसके लिए तैयार है. ईरानी विदेश मंत्री अली अकबर सालेही ने कहा कि दुनिया के छह प्रमुख देशों ने 25 फरवरी से बातचीत बहाल करने की योजना बनाई है.
ईरान और दुनिया के छह प्रमुख देशों के बीच वार्ता प्रस्तावित है. इन देशों में अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी हैं.