ईरान में 22 साल की लड़की महसा अमिनी की पुलिस हिरासत में मौत होने के बाद बवाल लगातार जारी है. देश के कई हिस्सों में महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं. राजधानी तेहरान में तो कई बार हालात सुरक्षा बलों के नियंत्रण से बाहर चले गए, जिस वजह से आंसू गैस के गोले और फायरिंग का सहारा भी लेना पड़ा. रिपोर्ट्स की मानें तो प्रदर्शनों के बीच तीसरे दिन ईरान नैतिक पुलिस के चीफ को पद से हटा दिया गया है.
22 साल की ईरानी लड़की महसा को पुलिस ने हिजाब को ठीक से न पहनने को लेकर हिरासत में लिया था. पुलिस कस्टडी में ही उसकी मौत हो गई, जिसके बाद लोगों का गुस्सा उबल पड़ा और तेहरान से शुरू होकर देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इन प्रदर्शनों में अभी तक दो लोगों की मौत हो गई है. जबकि काफी संख्या में लोग घायल भी बताए जा रहे हैं.
रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार को ईरान के दिवनदर्राह टाउन में हुए प्रदर्शन में घायल दो नागरिक फाउद कादिमी और मोहसिन मोहम्मदी की कोसर अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है. वहीं 15 लोग घायल बताए जा रहे हैं, जिनका इलाज चल रहा है.
ईरान पुलिस ने महसा अमिनी की मौत को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
ईरान पुलिस ने महसा अमिनी की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया है. साथ ही पुलिस ने इस बात का भी खंडन किया है कि हिरासत के दौरान महसा अमिनी को शारीरिक चोट पहुंचाई गई थी.
ग्रेटर तेहरान पुलिस के कमांडर हुसैन रहीमी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि महसा अमिनी की मौत काफी दुर्भाग्यपूर्ण है और हम चाहते हैं कि कभी भी ऐसी घटना ना हो.
रहीमी ने आगे कहा कि इस मामले में ईरान पुलिस पर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि अमिनी को हिरासत में किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया गया था. इसके बाद भी पुलिस ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की थी.
महसा अमिनी की मौत को लेकर अमेरिका भी हुआ सख्त
व्हाइट हाउस नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता ने महसा की मौत को लेकर कहा कि अमेरिका इस मामले में जवाबदेही चाहता है. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा कि सही तरीके से हिजाब न पहनने को की वजह से पुलिस कस्टडी में महसा अमिनी की मौत हो जाना मानव अधिकारों के लिए बड़ा अपमान है.
अमेरिकी व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा कि ईरान में महिलाओं को बिना किसी हिंसा और प्रताड़ना के खुद की पसंद से कपड़े पहनने का अधिकार होना चाहिए. ईरान को अब महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा को रोक देना चाहिए. उन्होंने कहा कि महसा की मौत पर जवाबदेही होनी चाहिए.
रिपोर्ट्स के अनुसार, सबसे ज्यादा प्रदर्शन ईरान की राजधानी तेहरान और ईरान के दूसरे सबसे बड़े शहर मशाद में हो रहे हैं. प्रदर्शनों में शामिल सैंकड़ों महिलाएं महसा अमिनी की मौत के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रही हैं. प्रदर्शनों में महिलाएं अपने हिजाब उतारकर विरोध जता रही हैं, जो ईरान में कानूनी रूप से उल्लंघन है और हिजाब को लेकर ही महसा अमिनी को हिरासत में लिया गया था.
महसा अमिनी को 13 सितंबर को किया था गिरफ्तार
13 सितंबर को तेहरान की नैतिक पुलिस ने महसा अमिनी को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद पुलिस कस्टडी में उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई. तीन दिनों तक वह कोमा में रही, जिसके बाद मौत हो गई.
हालांकि, पुलिस का कहना है कि महसा अमिनी की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई है, जबकि अमिनी के परिवार का कहना है कि महसा पुलिस हिरासत में जाने से पहले पूरी तरह ठीक थी. पुलिस की प्रताड़ना के बाद ही उसकी मौत हुई है.
महसा अमिनी की मौत की खबर फैलते ही लोगों में गुस्सा चढ़ गया. महिलाओं ने सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताना शुरू कर दिया. जिस महसा अमीन को दफनाया गया, उस दिन उनके घर के पास करीब 500 लोगों की भीड़ ने प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने काफी लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
प्रदर्शन कर रहे लोगों की गिरफ्तारी ने लोगों को और बढ़ा दिया. सोमवार को हजारों लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान कई जगहों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों की भिड़ंत भी हो गई. पुलिस को प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले और फायरिंग का भी सहारा लेना पड़ा. इसके बावजूद प्रदर्शनकारियों को थामना मुश्किल हो गया.
This woman removed her hijab and threw it in the air in front of security forces and dared them to arrest her. Men cheered for her.
— Masih Alinejad 🏳️ (@AlinejadMasih) September 18, 2022
This is Sanandaj & people took to the streets to protest against the murdering of #MahsaAmini who was beaten to death by hijab police in Iran. pic.twitter.com/QwAsomPmFl
सोशल मीडिया पर महिलाओं के बाल काटने की वीडियो वायरल
ईरान में महसा अमिनी की मौत पर जहां महिलाओं ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया तो वहीं सोशल मीडिया पर अनोखी तरह से विरोध जताया. कई महिलाओं ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर की, जिसमें वे अपने बालों को काटते हुए नजर आ रही हैं.
इसके अलावा भी महिलाओं ने अलग-अलग तरह से विरोध दर्ज किया है. कई महिलाओं ने प्रदर्शन करते हुए अपना हिजाब उतारा और सड़क पर फेंक दिया. वहीं रिपोर्ट्स की मानें तो कई जगहों पर महिलाओं ने हिजाब जलाकर भी प्रदर्शन किया है.
Iran: Here is a another girl cutting her hairs to protest Masha Amini's death by Iranian police.#MashaAmini pic.twitter.com/8z8aHHZaDK
— Fazila Baloch🌺☀️ (@IFazilaBaloch) September 18, 2022
हिजाब को लेकर क्या हैं ईरान में नियम ?
एक इस्लामिक देश होने के नाते ईरान में शरिया कानून पूरी तरह से लागू है. इस कानून के तहत ईरान में सात साल से बड़ी किसी भी लड़की को बाल खोलकर बाहर निकलने की इजाजत नहीं है. साथ ही 7 साल से बड़ी लड़की को ढीले कपड़े पहनने के लिए कहा जाता है.
हाल ही में पांच जुलाई को ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने देश में हिजाब कानून को लागू किया था. इसके लागू होते ही एक और पाबंदी नियम बनकर महिलाओं के सिर पर हावी हो गई थी.
अगर महिलाएं इस नियम को तोड़ती हैं तो उनसे जुर्माना वसूला जाएगा या गिरफ्तार भी किया जा सकता है. महसा अमिनी को भी तेहरान की नैतिक पुलिस ने हिजाब न ठीक से पहनने को लेकर ही हिरासत में लिया था.
महिलाओं के प्रदर्शन से घबरा गई ईरान सरकार !
महसा अमिनी की मौत के बाद ईरान में महिलाओं के प्रदर्शन का इतना असर जरूर हुआ है कि सरकार ने आनन-फानन में प्रदर्शन के तीसरे ही दिन नैतिक पुलिस के चीफ को पद से हटा दिया है. एक इस्लामिक देश में महिलाओं के प्रदर्शन के बाद सरकार का यह कदम उठाना बड़ी बात है, क्योंकि अधिकतर इस्लामिक देशों में महिलाओं के सिर पर पाबंदियों का बड़ा टोकरा है, जिसे उन्हें मजबूरन ही सही लेकिन उठाना पड़ता ही है.
Girls in Iran Burn their Hijab publicly in protest against Murderer Regime of Radicals Forcing #Hijab on them.Girls shout BIG NO to Forced Hijab in Widespread Anti-Hijab protest after Morality Police Monsters killed #MahsaAmini in #Iran . Girls spark revolution against oppression pic.twitter.com/IBg0BiUmLm
— Jyot Jeet (@activistjyot) September 20, 2022
ऐसे में हिजाब को लेकर हुए इस विवाद में ईरान की महिलाओं ने अपनी ताकत का एहसास सरकार को जरूर करा दिया है. हालांकि, सरकार की ओर से अभी इस प्रदर्शन को लेकर आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन बड़े शहरों में सुरक्षबलों की ज्यादा से ज्यादा तैनाती बता रही है कि प्रदर्शन की वजह से सरकार चिंता में तो आ गई है.