इरान में एक ब्लॉगर को सजा-ए-मौत दी गई है. उस पर आरोप था कि उसने फेसबुक पर पैगम्बर मोहम्मद साहब का अपमान किया था. इस ब्लॉगर की मानसिक स्थिति सही नहीं है.
मिली जानकारी के मुताबिक 30 वर्षीय सोहैल अरबी ने अलग-अलग नाम से आठ फेसबुक पेज बना रखे थे और इन पर पैगम्बर मोहम्मद साहब के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट डालता रहता था.' पिछले साल नवंबर में अरबी को उसकी पत्नी के साथ गिरफ्तार किया गया था. तब बताया गया था कि खराब मनोस्थिति के चलते अरबी ने बिना सोचे समझे ये पोस्ट डाली हैं. 30 अगस्त को तेहरान क्रिमिनल कोर्ट की ब्रांच 75 के जज खोरसनी ने अरबी को पैगम्बर साहब के अपमान का दोषी पाया. आर्टिकल 262 के मुताबिक पैगम्बर साहब का अपमान करने के मामले में दोषी पाए गए व्यक्ति को सजा-ए-मौत दी जाती है. लेकिन अगर ऐसा गुस्से में या गलती से किया जाता है तो आर्टिकल 264 के मुताबिक मौत की सजा को 74 कोड़ों की सजा में बदल दिया जाता है.
सूत्र के मुताबिक ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि आर्टिकल 264 के होने के बावजूद जज ने अरबी को मौत की सजा दी. उन्होंने एक बार भी अरबी के स्टेटमेंट पर ध्यान नहीं दिया जिसमें लिखा था कि खराब मनोदशा में उसने ऐसा किया. और उसे अपने किए पर पछतावा है.'
20 सितंबर से पहले अरबी इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकता है.