अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी पर ईरान ने पलटवार किया है. ईरान ने कहा कि अगर अमेरिका उसकी तरफ एक गोली भी दागता है तो उसे इसका गंभीर खामियाजा भुगतना पड़ेगा. ईरान ने अमेरिका को यह धमकी ऐसे समय दी है, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सैन्य कार्रवाई को लेकर अपना एक बयान दिया है.
ईरान ने शनिवार को अमेरिका को चेतावनी दी. ईरान ने कहा कि यदि अमेरिका उसके खिलाफ कोई भी आक्रामक कार्रवाई करता है तो उसे इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे. मध्य पूर्व में सशस्त्र बल के जनरल स्टाफ के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल अबोफज़ल शकरची ने कहा, "ईरान की ओर एक गोली चलाने से अमेरिका और उसके सहयोगियों के हितों में आग लग जाएगी."
उन्होंने कहा कि इस्लामिक गणराज्य कभी भी युद्ध नहीं चाहता है. वह कभी जंग भी शुरू नहीं करना चाहता है. शकरची ने कहा, ' लेकिन यदि दुश्मन छोटी सी भी गलती करता है तो उसे मध्य और पश्चिम एशिया में ईरान से सबसे बड़ी क्रांतिकारी प्रतिक्रिया का सामना करेगा, और यह निश्चित रूप से लड़ाई से नहीं बचेगा.' उन्होंने कहा कि अगर दुश्मन एक गोली भी दागता है तो हम जरूर उसका जवाब देंगे.
असल में, ट्रंप ने शुक्रवार को कहा था कि उन्होंने ईरान पर सैन्य कार्रवाई इसलिए नहीं की क्योंकि इसमें 150 आम नागरिक मारे जाते. गुरुवार को ईरान द्वारा अमेरिकी ड्रोन मार गिराए जाने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध और खराब हो गए. इसके बाद युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उनकी ईरान में तीन जगहों पर हमला करने की योजना थी. इस मामले पर ईरान का कहना है कि ड्रोन ने उसके एयरस्पेस का उल्लंघन किया है. वहीं वॉशिंगटन ने कहा कि ड्रोन इंटरनेशनल एयरस्पेस में मार गिराया गया. ट्रंप ने एनबीसी के मीट द प्रेस प्रोग्राम में एक इंटरव्यू के दौरान वाइट हाउस में कहा, ''मुझे यह अच्छा नहीं लगा.''
युद्ध जैसी स्थिति
ईरान द्वारा अमेरिका का ड्रोन गिराए जाने से दोनों देशों के बीच सीधे युद्ध जैसा माहौल बन गया. दोनों देशों के बीच संबंध पहले से ही बिगड़े हुए हैं. ईरान से तेल के निर्यात में रुकावट की आशंका के चलते शुक्रवार को तेल की कीमतें 1 प्रतिशत बढ़कर 65 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गईं. यह संकेत देते हुए कि अमेरिका भी कूटनीति का रास्ता चुन सकता है, ईरानी सूत्रों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से कई अहम खुलासे किए. उनके मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ईरान पर हमला होने की वाला था लेकिन उन्होंने कहा कि वह युद्ध के खिलाफ हैं और बातचीत करना चाहते हैं. अमेरिका ने सोमवार को बंद कमरे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की बैठक का अनुरोध किया है.