ईरान में पूर्व जनरल कासिम सुलेमानी की कब्र के पास बुधवार को सिलसिलेवार दो विस्फोट हुए. इन विस्फोटों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 103 हो गई है जबकि 170 लोग घायल बताए जा रहे हैं. ये धमाके सुलेमानी की चौथी बरसी पर हो रहे एक समारोह को निशाना बनाकर किए गए.
ईरान के सरकारी टेलीविजन ने इन विस्फोटों को आतंकी हमला करार दिया है. कहा जा रहा है के ये धमाके ऐसे समय में हुए हैं, जब बेरूत ड्रोन हमले में ईरान के सहयोगी और हमास के नंबर दो कमांडर सालेह अल-अरूरी की मौत हो गई.
ईरान में यह धमाके करमान शहर में साहेब अल-जमान मस्जिद के पास हुए हैं, जहां सुलेमानी की कब्र है और उनकी मौत की चौथी बरसी पर भारी संख्या में लोग जुटे थे. ईरान के करमान शहर में ईरानी सेना के पूर्व जनरल सुलेमानी की कब्र के पास पहला धमाका हुआ था. उसके बाद दूसरा धमाका हुआ.
आतंकी हमला, बम और रिमोट कंट्रोल
करमान के डिप्टी गवर्नर ने इन विस्फोटों को आतंकी हमला करार दिया है. ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी तसनीम ने सूत्रों के हवाले से बताया कि घटनास्थल पर दो बैग में बम थे, जिनमें ब्लास्ट हो गया. ऐसा लगता है कि इन बमों को रिमोट कंट्रोल की मदद से डिटोनेट किया गया.
करमान के मेयर सईद तबरीजी का कहना है कि ये बम विस्फोट 10 मिनट के अंतराल पर हुए. घटना की ऑनलाइन फुटेज में विस्फोट के बाद भीड़ की भगदड़ देखी जा सकती है.
धमाकों के बाद मची भगदड़
इन विस्फोटों के बाद मौके पर भगदड़ मच गई. फिलहाल बड़ी संख्या में एंबुलेंस मौके पर हैं. कहा जा रहा है कि भगदड़ मचने की वजह से कई लोग घायल हुए. घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है.
कई रिपोर्ट्स में ये कहा जा रहा है कि कब्रिस्तान की ओर जाने वाली सड़क पर कई गैस कंटेनरों में विस्फोट हुआ है. लेकिन स्थानीय अधिकारी ने फिलहाल कोई पुष्टि नहीं की है. अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि क्या विस्फोट गैस सिलेंडर की वजह से हुआ या फिरन हीं. इस घटना को आतंकी हमला भी माना जा रहा है.
इजरायल पर आरोप
करमान प्रांत से ईरान के सांसद हुसैन जलाली ने कहा कि इस दोहरे विस्फोट का दोषी यकीनन इजरायल है. सुलेमानी की कब्र पर हुए इन विस्फोटों में अब तक 103 लोगों की मौत हो गई है जबकि 170 लोग घायल हुए हैं.
कैसे हुई थी पूर्व जनरल की मौत?
पूर्व जनरल सुलेमानी की 3 जनवरी 2020 को बगदाद हवाईअड्डे पर अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत हो गई थी. ईरान में सुलेमानी एक कद्दावर शख्सियत थे. उन्हें ईरान के सुप्रीम नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के बाद देश का दूसरा सबसे ताकतवर शख्स माना जाता था.
वह ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की फॉरेन ऑपरेशन ब्रांच कुद्स फोर्स के कमांडर थे. वह ईरान के खुफिया मिशनों से जुड़े हुए थे. वह हमास और हिजबुल्लाह के साथ-साथ कई सहयोगी सरकारों और सशस्त्र समूहों को गाइड भी करते थे. साथ ही उन्हें हथियार और अन्य जरूरी सहायता मुहैया कराते थे. 2020 में ट्रंप ने सुलेमानी की मौत को सबसे बड़ी जीत बताते हुए उन्हें दुनिया का आतंकी नंबर एक तक कहा था.