इराकी सरकार ने दावा किया है कि सेना ने आईएसआईएस के आतंकवादियों को खदेड़ते हुए तिरकित शहर पर फिर से कब्जा जमा लिया है.
तिरकित पर नियंत्रण पाने के लिए सेना ने शनिवार को अभियान शुरू किया था और आतंकवादियों पर ताबड़तोड़ हमले किए थे.
इधर नई दिल्ली में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने खाड़ी मुल्कों में तैनात भारत के राजदूतों और भारत में तैनात खाड़ी मुल्कों के राजदूतों की बैठक कर स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने इराक के हिंसा ग्रस्त इलाकों से भारतीयों को निकालने के बारे में बातचीत की.
बीबीसी के मुताबिक, इराक की सरकारी टीवी चैनल ने दावा किया है कि सेना ने तिकरित के गवर्नर निवास पर काबू पा लिया है और संघर्ष के दौरान आईएसआईएस के 60 लड़ाके मारे गए हैं.
दूसरी तरफ, इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड अल शाम (आईएसआईएस) के एक प्रवक्ता ने भारी हिंसा की पुष्टि करते हुए दावा किया है कि सेना का हमला नाकाम हुआ है. आईएसआईएस के सुन्नी जेहादियों ने इसी महीने 11 जून को उत्तरी और पश्चिमी इराक के बड़े हिस्सों पर कब्जा कर लिया.
राजधानी बगदाद के बाद देश के दूसरे सबसे बड़े शहर मोसुल पर कब्जा करने के बाद आतंकवादी तेजी से आगे बढ़ रहे थे और उन्होंने राजधानी बगदाद पर भी कब्जे की धमकी दी थी. शनिवार को विमानों और टैंकों की मदद से हजारों इराकी सैनिकों ने तिकरित पर चार दिशाओं से हमला किया था, लेकिन शहर से 25 किलोमीटर दूर आतंकवादियों ने रास्ता रोक लिया था. आतंकवादियों ने भवनों और रास्तों पर घात लगाकर सेना का रास्ता रोकने का प्रयास किया था.
इस बीच सरकार ने तिकरित शहर पर फिर से नियंत्रण का दावा करते हुए कहा है कि आईएसआईस के आतंकवादी भाग गए हैं और मारे गए 60 आतंकवादियों में उसके कई कमांडर शामिल हैं.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार को खाड़ी मुल्कों में भारतीय राजदूतों की बैठक की अध्यक्षता की जिसमें हिंसाग्रस्त इराक में फंसे भारतीय नागरिकों को बचाकर निकालने की भावी रणनीति तैयार करने पर विचार किया गया. मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस बैठक में भारत में खाड़ी देशों के राजदूत भी शामिल हुए.
बैठक के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने बाद में कहा कि पूरा ध्यान राजदूतों द्वारा स्थिति के आकलन और भारतीयों को वहां से निकालने में वे किस तरह मदद कर सकते हैं के बारे में जानकारी लेने पर था. उन्होंने कहा, 'इस बात पर जोर रखा गया कि क्षेत्र में चल रहे घटनाक्रम पर उनका आकलन क्या है. वे इराक में स्थिति को किस तरह से देखते हैं और इराक में संघर्ष वाले और संघर्ष रहित क्षेत्रों में फंसे भारतीयों को निकालने में अपने देश की सरकारों की मदद से वे किस तरह की सहायता मुहैया करा सकते हैं.'
उन्होंने कहा, 'इसी बैठक के आधार पर मंत्री ने फैसला लिया कि खाड़ी मुल्कों में हमारे दूतावास के लिए मुहैया भारतीय समुदायिक कल्याण कोष का कुछ हिस्सा इराक में भारतीयो की सहायता के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.'
भारत ने इराक के संघर्ष मुक्त क्षेत्रों में तीन जगहों पर घर वापसी चाहने वाले 10,000 भारतीयों के लिए कैंप कार्यालय स्थापित किए हैं.