scorecardresearch
 

IS के कब्जे में फंसे 39 भारतीयों को ढूंढ़ने में सरकार को नाकामी

इस्लामिक स्टेट के कब्जे में फंसे 39 भारतीयों मजदूर को लेकर डर लगातार बढ़ता जा रहा है. अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक आईएस के कब्जे में फंसे 39 भारतीयों की खोजबीन में लगी सरकार को अब तक कोई सफलता नहीं मिली है.

Advertisement
X
Sushma Swaraj
Sushma Swaraj

इस्लामिक स्टेट के कब्जे में फंसे 39 भारतीयों मजदूर को लेकर डर लगातार बढ़ता जा रहा है. अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक आईएस के कब्जे में फंसे 39 भारतीयों की खोजबीन में लगी सरकार को अब तक कोई सफलता नहीं मिली है. यही नहीं सरकार के साथ तुर्की इंटेलिजेंस सर्विस से जुड़े क्रॉस ब्रॉर्ड ट्रैफिकर्स और रिफ्यूजी लोगों के लिए काम करने वाले एनजीओ भी लापता भारतीय मजदूर के बारे में जानकारी जुटाने में असफल रहे हैं.

Advertisement

गौरतलब है कि दो जापानी नागरिकों हारुना युकावा और केंजी गोटो को लेकर आईएस ने पिछले दरवाजे से हफ्ते भर मोलभाव किया था. इसके बाद नई दिल्ली की चिंताएं बढ़ गईं और डिप्लोमेट्स ने इस बात को नोटिस किया कि भारतीयों को लेकर कोई जवाब नहीं आ रहा है. अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस ने इस आशय की खबर प्रकाशित की है.

रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के सरकारी सूत्रों के मुताबिक लापता मजदूरों का पता लगाने के लिए क्षेत्रीय इंटेलिजेंस सर्विस के साथ मिलकर काम करने की कोशिश हो रही है. पिछले साल, सरकारी सूत्रों ने कहा था कि रॉ ने हरजीत मसीह की सेवा ली थी. मोसुल के कंस्ट्रक्शन वर्कर हरजीत मसीह बंधक संकट शुरू होने के साथ इरबिल भाग गया था. उसने दावा किया था कि उसके सभी साथियों की आईएस ने हत्या कर दी है, जबकि उसने इसी घटना में लाशों के बीच लेटकर जैसे तैसे अपनी जान बचाई.

Advertisement

अखबार का दावा है कि मसीह के परिवारिक सदस्यों के मुताबिक मसीह फिलहाल रॉ के साथ काम कर रहा है. रॉ ने मसीह से लापता लोगों की खोज के लिए मदद मांगी, ताकि उनकी पहचान की जा सके. हालांकि मसीह के परिजनों ने कॉन्टैक्ट डिटेल देने से इनकार कर दिया. हालांकि मसीह के साथ संपर्क की खबरों को विदेश मंत्रालय ने खारिज किया था.

नवंबर महीने में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मसीह के साथ संपर्क की खबरों को खारिज किया था. विदेश मंत्री ने संसद के दोनों सदनों में जानकारी देते हुए कहा था कि 6 अलग-अलग सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय मजदूर जिंदा हैं. विदेश मंत्री का यह बयान व्यक्तिगत लोगों से मिली नामों की सूची और जानकारी पर आधारित था, जो इस क्षेत्र में बिजनेस और व्यक्तिगत रुचि रखते हैं.

इस सूची में कुछ नाम ऐसे भी थे कि जो लापता 39 भारतीयों के थे, लेकिन इसमें दूसरे नाम भी थे. इस सूची में कम से कम तीन नाम ऐसे थे, जो देश के दक्षिणी हिस्से से ताल्लुक रखते हैं. अखबार ने तीनों भारतीय मजदूरों के नाम को सार्वजनिक नहीं किया है.

हालांकि विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक बंधकों के बारे में कोई सबूत देने में खबरची अभी तक नाकाम रहे हैं. जैसे फोटोग्राफ या सामान. सूत्रों का कहना है कि नवंबर के बाद बंधकों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है.

Advertisement
Advertisement