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बांग्लादेश में पादरी की हत्या, आईएस ने ली जिम्मेदारी

कुख्यात आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने बांग्लादेश में 65 साल के पादरी की हत्या की जिम्मेदारी ली है. उसने दावा किया है कि यह हमला दूसरे लोगों को लिए सबक है.

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IS का दावा- इस्लाम छोड़ने पर मार देगा
IS का दावा- इस्लाम छोड़ने पर मार देगा

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कुख्यात आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने बांग्लादेश में 65 साल के पादरी की हत्या की जिम्मेदारी ली है. उसने दावा किया है कि यह हमला दूसरे लोगों को लिए सबक है.

बाइक सवार तीन आतंकियों का हमला
इस्लाम से धर्म परिवर्तन कर ईसाई बने हुसैन अली एक चर्च में पादरी थे. उत्तरी बांग्लादेशी शहर कुरीग्राम में मंगलवार सुबह मोटर साइकिल पर सवार तीन अज्ञात हमलावरों ने धारदार हथियारों से उनकी हत्या कर दी.

IS का दावा- इस्लाम छोड़ने पर मार देगा
अमेरिका स्थित निगरानी संगठन एसआईटीई इंटेलिजेंस ग्रुप के अनुसार इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह ने अली की हत्या का दावा किया. ट्विटर पर जारी एक बयान में आईएस ने कहा है यह हत्या अन्य लोगों के लिए एक सबक है. बयान में कहा गया है कि खलीफा के सैनिकों की एक टुकड़ी धर्म परिवर्तन करने वाले (अली) को मारने में सफल रही.

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अली ने 17 साल पहले छोड़ा था इस्लाम
अली ने अपना धर्म बदल लिया था और बहुदेववादी ईसाई धर्म का उपदेशक बन गया था. उन्होंने 17 साल पहले ईसाई धर्म स्वीकार किया था. पिछले साल ही उन्होंने सरकारी सेवा से अवकाश ग्रहण किया था.

फरवरी में हुई हिंदू पुजारी की हत्या
इससे दो महीने पहले भी पश्चिमी झिनाईदाह में धर्म परिवर्तन कर ईसाई बने एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी. उस हत्या की जिम्मेदारी भी आईएस ने ली थी. इस बीच 21 फरवरी को उत्तरी पंचागढ़ जिले के देबीगंज उपजिला में एक हिंदू पूजारी की हत्या कर दी गई थी.

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