रूस-यूक्रेन युद्ध को दस दिन बीत चुके हैं. तमाम देशों की अपील और दो दौर की बातचीत के बाद भी दोनों देशों के बीच रार थमती नजर नहीं आ रही. भय है कि परमाणु महाशक्ति रूस कहीं परमाणु हथियारों का रुख यूक्रेन की तरफ ना मोड़ दे. जेपोरिजिया परमाणु ऊर्जा केंद्र 3 मार्च को रूसी हमले में बाल-बाल बच चुका है. उधर, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की दावा कर चुके हैं कि रूसी सेना उनके तीसरे परमाणु संयत्र पर कब्जा करने की ओर बढ़ रही है.
दरअसल, यूक्रेन की धरती 10 दिन से विध्वंस, विनाश देख रही है. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद शायद ही शहर इस तरह छलनी हुए हों जैसे रूस यूक्रेन के युद्ध में हो रहे हैं. विनाश का युद्ध महाविनाश बनने के अंदेशों की ओर बढ़ रहा है. 3 मार्च की देर रात तो महाविनाश का धमाका होते होते रह गया. जपोरिज़िया न्यूक्लियर प्लांट पर रूस के बम गिरे तो तेज चमक के साथ इस न्यूक्लियर पावर प्लांट में धमाका हो गया था. परमाणु ईंधन से भरे रिएक्टर और उस पर बम बरसे. अगर एक भी रिएक्टर में विस्फोट होता तो कुछ ही सेकेंड में महाविनाश की ज्वाला धधकने लगती.
यूक्रेन में 15 न्यूक्लियर एनर्जी रिएक्टर में से 6 रिएक्टर जपोरिज़िया प्लांट में हैं. ये पूरे यूरोप में सबसे बड़ा और विश्व का नौवां सबसे बड़ा रिएक्टर माना जाता है. जेपोरिज़िया परमाणु पॉवर प्लांट से यूक्रेन की 25 प्रतिशत ऊर्जा की जरूरतें पूरी होती हैं, लेकिन 3 मार्च की रात ढाई बजे रूस की सेना ने इन 6 रिएक्टरों से कुछ ही मीटर की दूरी पर हमला किया.
3 मार्च की देर रात रूस के बम जहां गिरे वहां से बड़े विनाश की शुरुआत हो सकती थी. रूस का बम अगर कुछ और मीटर के फासले से गिरा होता तो जपोरिज़िया न्यूक्लियर प्लांट के परमाणु रिएक्टर में धमाका हो सकता था और इसके साथ ही महाविनाश की परमाणु रिएक्शन चेन शुरू हो सकती थी. इसीलिए यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की कह रहे हैं कि रूस परमाणु आतंक पर उतर आया है.
वहीं, युद्ध के चौथे दिन ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आदेश जारी कर दिया था कि रूस का परमाणु युद्धक बेड़ा हाई अलर्ट पर रहे. युद्ध छेड़ने से पहले भी रूस की सेना ने परमाणु युद्धाभ्यास किया था, तब ये आंका गया कि रूस की तैयारी फुल स्केल वॉर छेड़ने की है.
बता दें कि परमाणु हथियारों की होड़ में रूस से आगे कोई नहीं है. उसके पास दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु आयुद्ध और हथियार हैं. यूक्रेन रूस के बीच छिड़ा युद्ध जैसे-जैसे विनाशकारी होता जा रहा है, वैसे-वैसे अंदेशे भी लगने लगे हैं कि क्या दुनिया परमाणु महाविनाश की ओर बढ़ रही है.