कश्मीर के मुद्दे और आतंकवाद फैलाने को लेकर पूरी दुनिया में मुंह की खाने वाला पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षा महकमे में एक रिपोर्ट दी है, जिसके मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई रूस में मौजूद कुछ स्थानीय निवासियों की मदद से कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत विरोधी गतिविधियों को फैलाने में जुटी है.
भारतीय एजेंसियों के पास ऐसे इनपुट आने के बाद वहां के मिशन को सक्रिय कर दिया गया है. साथ ही सूत्रों ने आजतक को जानकारी दी है कि पाक एंटी इंडिया प्रोपेगैंडा को रूस की मीडिया में भी फैलाना चाहता है पर वह अभी तक इस काम में सफल नहीं हो पाया है.
अलग-थलग पड़ा है पाक
दरअसल, पाकिस्तान इस समय पूरे विश्व में आतंक के मुद्दे पर अलग थलग पड़ा हुआ है. हाल ही में चीन ने भी पाकिस्तान का साथ मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करते समय नहीं दिया था. पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने बालाकोट में जैश के आतंकी ठिकानों पर बड़ी एयर स्ट्राइक की थी, जिसके बाद पाकिस्तान बौखला कर कश्मीर को लेकर एंटी इंडिया प्रोपेगैंडा करने में लगा हुआ है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अपनी इस नापाक चाल को अंजाम रूस के कुछ इलाकों में दिया है.
तुर्की में कश्मीरी स्कॉलरों को रिझाने में जुटी ISI
हाल ही में आजतक ने खुफिया एजेंसियों के हवाले से ये खबर ब्रेक की थी कि कैसे पुलवामा हमले के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने आतंक के गढ़ में घुसकर आतंकियो का चुन-चुन कर सफाया किया था. ऐसे में पाकिस्तान में बैठे आतंक के आका और उनकी सरपरस्त आईएसआई बौखला गई जो कश्मीर घाटी के युवाओं को आतंक की राह में झोंकने में नाकामयाब कश्मीरियों को बरगलाने और उनके ब्रेनवॉश में जुटे हैं. ये तुर्की जैसे देश में जाकर एजुकेशन स्कॉलरशिप पर पढ़ाई कर रहे हैं.
आज़तक को खुफिया सूत्रों ने एक्सलूसिव जानकारी दी थी कि पाकिस्तान तुर्की में कश्मीरी युवाओं के लिए "साइबर सेल" खोला है, ताकि आईएसआई कश्मीर के पढ़े-लिखे युवाओं को बरगला कर उनको भारत के खिलाफ भड़का सके. सूत्रों के मुताबिक इसके लिए पाकिस्तान ने एक ग्रुप को फंडिंग करके साइबर सेल खोलने के लिए कहा है.
तुर्की देता है स्कॉलरशिप
दरअसल, तुर्की हर साल पूरे विश्व से युवाओं को तुर्की में पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप देता है, जिसमें कश्मीरी युवा भी स्कॉलरशिप पाते हैं. बता दें कि 2018 में पूरे विश्व से तुर्की में स्कॉलरशिप के लिए एक लाख 35 हजार स्टूडेंट्स ने अप्लाई किया था. जिसमें 17,500 युवकों को सफलता हासिल हुई थी. 1992 से शुरू हुई तुर्की की इस स्कॉलरशिप के जरिए पूरे विश्व से एवरेज हर साल 7000 से ज्यादा स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप पाते हैं.
बौखलाया हुआ है पाकिस्तान
इस मामले पर सुरक्षा जानकारों के मुताबिक, पाकिस्तान तुर्की में गए कश्मीरी स्टूडेंट्स को इसलिए निशाना बना रहा है क्योंकि घाटी में आतंकी लगातार ऑपरेशन ऑल आउट में मारे जा रहे हैं. कश्मीर में उसकी दाल गल नहीं रही है. ऐसे में वह अपने मित्र देश तुर्की में कश्मीर से स्कॉलरशिप पर गए युवाओं को रिझा रहा है. जानकर कहते हैं कि सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों को इस पर कड़ी नजर रखनी पड़ेगी, जिससे देश के दुश्मन कामयाब न हो सकें.