इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवेंट (आईएसआईएल) के आतंकवादियों ने इराक के ही अल्पसंख्यक समुदाय यजिदी के 67 लोगों की हत्या कर दी. उन्होंने कट्टरपंथियों के आगे झुकने से इनकार कर दिया था और धर्म परिवर्तन नहीं किया. यह घटना इराक के उत्तर में स्थित शहर सिंजर में घटी.
खाड़ी के अखबार गल्फ न्यूज में यह खबर छपी है. अखबार के मुताबिक रविवार को आईएसआईएल के चरमपंथियों ने शहर पर हमला बोल कर उसे अपने कब्जे में ले लिया. उस इलाके के हजारों लोग वहां से भाग निकले लेकिन बड़ी तादाद में इस्लामी लड़ाकों के कब्जे में आ गए. कट्टरपंथियों ने उन्हें इस्लाम स्वीकार करने को कहा और उनके इनकार करने के बाद उनकी हत्या कर दी.
कुर्दिश बास न्यूज एजेंसी का दावा है कि 88 यजिदी मारे गए. यजिदी एक बहुत पुराना समुदाय है जो 4,000 साल पुराने रीति-रिवाज को मानता है. वे कुर्दिश भाषा बोलते हैं. इस्लामी कट्टरपंथी उनके धार्मिक रिवाजों से सख्त नफरत करते हैं और उन्हें शैतान के उपासक मानते हैं.
इस्लामी कट्टरपंथियों ने उस इलाके में आतंक मचा दिया है और बूढ़े-बच्चे वगैरह अपने घरों को छोड़कर भाग रहे हैं. उनके पास खाने-पीने की भारी कमी है. कई तो भूख-प्यास से मर गए.
सिंजर से तुर्कमीन शिया लोग भी जान बचाकर भाग रहे हैं. वे पास के शहर ताल अफर की ओर जा रहे हैं. उन लोगों की भी हालत खराब है और वे दाने-दाने को मोहताज हैं. आतंकियों ने उनमें से कइयों को पकड़ लिया है और अपना गुलाम बना लिया है.