मोसुल सहित उत्तर-पश्चिमी इराक के कई इलाकों पर आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के कब्जे के साथ ही वहां की महिलाओं के लिए संभवत: सबसे बुरे दिन शुरू हो गए हैं. पहले 11-46 आयुवर्ग की सभी महिलाओं के खतना का फतवा जारी हुआ और अब उन्हें हिजाब पहनने या सजा भुगतने के लिए तैयार रहने का फरमान सुनाया गया है.
आतंकवादी संगठन आईएसआईएस ने मोसुल में महिलाओं को हिजाब पहनकर चलने की सख्त हिदायत दी है. आतंकी संगठन ने इराक की राजधानी और सबसे बड़े शहर बगदाद की ओर कूच करने की भी धमकी दी है. आईएसआईएस ने अपने कट्टरपंथी विचारों और इस्लाम की अपनी परिभाषा को लागू करते हुए महिलाओं के लिए जारी दिशा-निर्देशों में बताया है कि कैसे हिजाब और अन्य कपड़ों को पहना जाए.
आतंकी संगठन का कहना है कि महिलाओं के कपड़ों पर इस तरह का प्रतिबंध लगाना कपड़ों की वजह से होने वाली अय्याशी को रोकना है. आईएसआईएस की तरफ से कहा गया है कि यह महिलाओं की आजादी पर प्रतिबंध नहीं है, बल्कि उन्हें अपमान और अश्लीलता से बचाने के लिए किया जा रहा है.
मोसुल शहर की एक मस्जिद के मौलवी ने बताया कि आईएसआईएस के आतंकी ने उन्हें बंदूक दिखाते हुए कहा कि आतंकी संगठन का यह फरमान लाउडस्पीकर पर पढ़ें. आईएसआईएस ने कहा है कि श्रृंगार और चमक-धमक के चक्कर में प्रतिबंधों का पालन नहीं करने पर महिलाओं को इसके लिए बुरा अंजाम भुगतना पड़ सकता है. समाज को इसकी वजह से होने वाले नुकसान से बचाने और इस्लाम की अनिवार्यता को पूरा करने व अय्याशी से बचाने के लिए ऎसा करना जरूरी है.