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आईएसआईएस का हथियार बना जिहाद अल-निकाह

आईएसआईएस से इन दिनों ट्यूनीशिया बेहद परेशान है . इस देश की महिलाएं सीरिया और इराक में इस संगठन के उकसावे पर चली तो गई थीं, लेकिन जो कुछ लौटी हैं उनमें ज्यादातर गर्भवती हैं. आईएसआईएस के बारे में खबरें आती रही हैं कि किस तरह उसने सीरिया के अलावा इराक और उत्तर में यजीदी समुदाय के लोगों का कत्लेआम किया. महिलाओं को अगवा किया, सामुहिक दुष्कर्म और फिर हत्या करते गए . लेकिन पिछले कुछ महीनों में इस आतंकी संगठन ने महिलाओं का यौन शोषण करने के लिए धर्म की आड़ ली है. नाम दिया गया है जिहाद अल-निकाह. आइए जानते हैं इसके बारे में-

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आईएसआईएस से इन दिनों ट्यूनीशिया बेहद परेशान है . इस देश की महिलाएं सीरिया और इराक में इस संगठन के उकसावे पर चली तो गई थीं, लेकिन जो कुछ लौटी हैं उनमें ज्यादातर गर्भवती हैं. आईएसआईएस के बारे में खबरें आती रही हैं कि किस तरह उसने सीरिया के अलावा इराक और उत्तर में यजीदी समुदाय के लोगों का कत्लेआम किया. महिलाओं को अगवा किया, सामुहिक दुष्कर्म और फिर हत्या करते गए . लेकिन पिछले कुछ महीनों में इस आतंकी संगठन ने महिलाओं का यौन शोषण करने के लिए धर्म की आड़ ली है. नाम दिया गया है जिहाद अल-निकाह. आइए जानते हैं इसके बारे में-

क्या है जिहाद अल-निकाह
आईएसआईएस की एक शाखा अलफारूक़. जो आईएसआईएस लड़ाकों को सेक्स के लिए महिलाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी निभा रहा है. इस काम के लिए उसने धर्म की आड़ ली है. दरअसल, इस्लाम को मानने वाले कुछ तबकों में मान्यता है कि यदि कोई महिला विवाहित होने के बाद भी यदि किसी जेहादी से शारीरिक संबंध बनाती है तो भी वह जायज है. यदि वह निकाह के बिना भी ऐसा करती है तो वह जायज है. यानी जेहाद अल-निकाह. वह ऐसी मुहिलाओं को मुजाहिद कहकर आमंत्रित करता है. ट्यूनीशिया समेत कई अफ्रीकी देशों, एशिया और यूरोपीय देशों से कई महिलाएं इस झांसे में आकर सीरिया पहुंची हैं. उनसे चौबीस घंटे के दौरान आईएसआईएस के कई सदस्यों से शारीरिक संबंध बनाने को कहा गया. इसके लिए एक टाइम टेबल बनाया दिया गया कि कौन सी महिला किस आतंकी के साथ कितना समय बिताएगी. इन महिलाओं से 20 से 100-100 आतंकियों ने दुष्कर्म किए. जिन्होंने विरोध किया, उनकी हत्या कर दी. दुष्कर्म करने के बाद महिलाओं को या तो बेचा या फिर उन्हें वापस उनके देश भेज दिया गया. अब इनमें से ज्यादातर गर्भवती हैं. इराक़ और सीरिया में इस्लामी राज के लिए लड़ने का दावा करने वाले आईएसआईएस के इस जिहाद अल-निकाह का कुछ सलाफ़ी सुन्नी मुस्लिम संगठन समर्थन करते हैं.

ट्यूनीशिया सरकार की परेशानी
ट्यूनीशिया की महिलाओं की तादाद जिहाद अल निकाह में ज्यादा है. आईएसआईएस ऑनलाइन या सोशल मीडिया के माध्यम से महिलाओं को बहलाता है. इसके अलावा वहां की कुछ महिलाएं भी आईएसआईएस के इस काम में हाथ बंटाती हैं. वे यूनिवर्सिटी जाकर छात्राओं को जेहाद अल-निकाह के बारे में बताती हैं और उन्हें तैयार करती हैं कि सीरिया जाने के लिए बहलाती-फुसलाती हैं. और फिर सीरिया जाने का इंतजाम भी करती हैं. ट्यूनीशिया की सरकार जिहाद अल-निकाह के लिए सीरिया जाने वाली महिलाओं की बढ़ती तादाद पर रोक लगाने के लिए योजना बना रही है. हालांकि वहां की सरकार ने ये साफ नहीं किया कि ट्यूनीशिया से सीरिया जाने वाली महिलाओं की तादाद कितनी है.

महिलाओं की सामूहिक हत्या
आईएसआईएस के आतंकी अबु अनास अल-लिबी ने जिहाद अल-निकाह मानने से इंकार करने वाली फालूजा की लगभग 150 महिलाओं की हत्या कर दी थी. उन महिलाओं को एक लाइन में खड़ा करके एक-एक कर उनकी हत्या की गई थी. तुर्की की एक एजेंसी के मुताबिक इसके बाद सैकड़ों स्थानीय निवासियों को मौत की धमकी मिली. नतीजा ये हुआ कि फालूजा प्रांत के उत्तरी शहर अल वाफा से बहुत सारे परिवारों को भागने के लिए मजबूर होना पड़ा. इससे पहले अनबार राज्य के पश्चिमी में इन महिलाओं की हत्या से पहले आईएसआईएस ने यहां जनजातीय समाज के 50 पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की हत्या की थी.

मोसुल से विरोध की शुरुआत
आईएसआईएस के जिहाद अल-निकाह का विरोध भी इराक से शुरू हुआ है. निनावा प्रांत के मोसुल शहर में कई घटनाएं सामने आई हैं जिनमें महिलाओं ने आतंकवादियों का विरोध किया. एक स्थान पर तो एक महिला ने दुष्कर्म करने आए दो आतंकियों को गोली मार दी. ऐसी ही एक दूसरी घटना में एक आतंकी को महिला के पति ने गोली मारी थी. इराक में एक टीवी चैनल के माध्यम से कुछ लोगों ने अपील की है कि आम जनता आईएसआईएस के आतंकवादियों से कबीले की महिलाओं की रक्षा के लिए मदद करने को आगे आएं.

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