scorecardresearch
 

दुश्मन को मारने पर 1 सिक्का, टैंक उड़ाने पर 7, ये थी IS की इनामी रेट लिस्ट

2013 के बाद बगदादी ने अपने संगठन के जरिए दुनिया में आतंक को फैलाया, जिसका अड्डा सीरिया-इराक रहे. अपने इसी गढ़ के जरिए अबु बकर अल बगदादी ने दुनिया में IS आतंकियों की नई फौज को खड़ा किया, जो दुनिया में आतंक को अंजाम दे रही थी.

Advertisement
X
ISIS आतंकियों के लिए थी रेट लिस्ट
ISIS आतंकियों के लिए थी रेट लिस्ट

Advertisement

  • ISIS सरगना अबु बकर अल बगदादी मारा गया
  • अमेरिकी ऑपरेशन में मारा गया बगदादी
  • IS ने लड़ाकों के लिए तय किए थे इनाम रेट

आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) का आका अबु बकर अल बगदादी अमेरिकी ऑपरेशन में मारा गया है. 2013 के बाद बगदादी ने अपने संगठन के जरिए दुनिया में आतंक को फैलाया, जिसका अड्डा सीरिया-इराक रहे. अपने इसी गढ़ के जरिए अबु बकर अल बगदादी ने दुनिया में IS आतंकियों की नई फौज को खड़ा किया, जो दुनिया में आतंक को अंजाम दे रही थी. अपने इन लड़ाकों को किसी भी मकसद को अंजाम देने के लिए IS की ओर से इनाम भी रखे गए थे, फिर चाहे वो किसी इलाके पर कब्जा करना हो या फिर किसी को मौत के घाट उतारना.

ISIS का ये निजाम और उसकी रवायतें कैसी हैं, इसका अंदाजा सिर्फ इसी बात से लगाया जा सकता है कि आतंक के आकाओं ने अपने गुर्गों को दुश्मन फौजियों को मौत के घाट उतारने पर उन्हें ज़िंदा पकड़ने के मुकाबले कई गुना ज़्यादा इनाम देने का ऐलान कर रखा था. इनाम की इस रेट लिस्ट के टॉप 5 काम और उसके इनाम चौंकाने वाले हैं...

Advertisement

इनाम नंबर 1

दुश्मन का प्लेन या हेलिकॉप्टर मार गिराने पर 7 सोने के दिनार यानी कुल 8 सौ पाउंड का इनाम.

इनाम नंबर 2

दुश्मन का टैंक उड़ाने पर भी इतना ही यानी 7 सोने की दिनार का इनाम तय है.

इनाम नंबर 3

दुश्मन के किसी सैन्य ठिकाने को निशाने पर 1 चांदी का दिरहम दिया जाता है. बशर्ते कि उसके ऐसा करने का कोई वीडियो फुटेज या गवाह मौजूद हो.

इनाम नंबर 4

एक गैर मजहबी फौजी को मार गिराने पर 10 चांदी के दिरहम का इनाम दिया जाता है.

इनाम नंबर 5

एक दुश्मन फौजी को पकड़ने पर सिर्फ़ एक चांदी का दिरहम इनाम में दिया जाता है.

ये और बात है कि इन रेट लिस्ट के मुताबिक इनाम पर दावा करने यानी प्राइज क्लेम करने के लिए इन आतंकवादियों को भी अपने आकाओं के सामने वीडियो फुटेज पेश करने या फिर किसी से गवाही दिलाने की ज़रूरत होती थी. ये सब इराकी फौज को मोसुल में मौजूद एक डायरी से पता चला था, जहां ISIS का कब्जा हुआ करता था.

Advertisement
Advertisement