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ISKP का दावा- दिल्ली में पकड़ा गया था काबुल में अमेरिकी मरीन कमांडो पर हमला करने वाला

आईएसकेपी की मुखपत्रिका में ये दावा किया गया है कि काबुल में अमेरिकी मरीन कमांडो पर हमला करने वाला शख्स पांच साल पहले दिल्ली में पकड़ा गया था.

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आईएसकेपी की पत्रिका का दावा (प्रतीकात्मक तस्वीर)
आईएसकेपी की पत्रिका का दावा (प्रतीकात्मक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आतंकी को अफगानिस्तान कर दिया गया था डिपोर्ट- पत्रिका
  • कई गिरफ्तारियों के बावजूद पब्लिश हो रही 'वॉइस ऑफ हिंद'

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काबुल एयरपोर्ट के समीप अमेरिकी मरीन कमांडो पर फिदायीन हमला हुआ था. काबुल में अमेरिकी मरीन कमांडो पर हुए इस आतंकी हमले को लेकर अब बड़ा खुलासा हुआ है. अमेरिकी मरीन कमांडो पर हमले को अंजाम देने वाला आतंकी दिल्ली में गिरफ्तार हुआ था. ये खुलासा किसी और ने नहीं, खुद आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट खुरासान ने किया है.

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इस्लामिक स्टटे खुरासान (आईएसकेपी) की मुखपत्रिका वॉइस ऑफ हिंद का 20वां संस्करण जारी हो चुका है. आईएसकेपी की मुखपत्रिका के 20वें संस्करण में ही अमेरिकी मरीन कमांडो पर हमला करने वाले आतंकी को लेकर खुलासा किया गया है. आईएसकेपी की मुखपत्रिका में ये दावा किया गया है कि काबुल में अमेरिकी मरीन कमांडो पर हमला करने वाला शख्स पांच साल पहले दिल्ली में पकड़ा गया था.

दरअसल, भारतीय खुफिया एजेंसी RAW ने दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के साथ मिलकर एक सीक्रेट ऑपरेशन साल 2016 में चलाया था. इस ऑपरेशन में अफगानिस्तान मूल के एक शख्स को फरीदाबाद से पकड़ा था. अफगानिस्तान का रहने वाला वो शख़्स ISKP का ट्रेंड फिदायीन हमलवार था, जो भारत में मेट्रो सिटी की रेकी करके हमला करने वाला था. 

प्लान के तहत अफगान मूल के उस फिदायीन ने फरीदाबाद के एक नामी यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया हुआ था, लेकिन यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के नाम पर वो दिल्ली और आस-पास के इलाके में रेकी करता था.

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आईएसकेपी की पत्रिका के मुताबिक दिल्ली में पकड़े जाने के बाद उसे जेल भेज दिया गया था. इसके बाद उसे अफगानिस्तान डिपोर्ट कर दिया गया था. गौरतलब है कि ISKP की ओर से Voice of hind नाम की पत्रिका का प्रकाशन लगातार किया जा रहा है. आज तक वो पहला समाचार चैनल था जिसने ISKP की इस मुखपत्रिका का खुलासा किया था.

आईएसकेपी की इस पत्रिका को लेकर बाद में स्पेशल सेल भी एक्टिव मोड में आ गया था. इस मामले में स्पेशल सेल ने कश्मीर की हीना बेग और उसकी पोती को दिल्ली से गिरफ्तार किया था. बाद में ये केस राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दिया गया था. आईएसकेपी की इस पत्रिका को लेकर एनआईए अब तक कई लोगों को कश्मीर, पुणे, दिल्ली, बेंगलुरु से गिरफ्तार कर चुकी है लेकिन इसके एडिशन लगातार पब्लिश हो रहे हैं.

 

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