पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा को लेकर बयानबाजी की है. इस्लामाबाद में नेशनल असेंबली (NA) को संबोधित करते हुए कुरैशी ने कहा कि जेएनयू के टीचर्स और स्टूडेंट्स पर हमला, भारत में बढ़ती असहिष्णुता की याद दिलाता है.
कॉलेज कैंपस RSS प्रकोप
पाक विदेश मंत्री ने कहा 'जेएनयू में रविवार को स्टूडेंट्स और टीचर्स पर हमला, भारत में बढ़ती असहिष्णुता की याद दिलाता है. अब भारत के कॉलेज कैंपस को आरएसएस के अनियंत्रित प्रकोप का सामना करना पड़ रहा है.' कुरैशी ने जेएनयू हमले को फासीवादी विचारधारा से प्ररित भी बताया.
पार्टी नहीं बनेगा पाकिस्तान
कुरैशी ने अमेरिका-ईरान के बीच चल रहे संघर्ष पर पाकिस्तान के रुख पर कहा कि पाकिस्तान किसी भी क्षेत्रीय संघर्ष के लिए पार्टी नहीं बनेगा. उन्होंने कहा, 'मैंने कई देशों के विदेश मंत्रियों से संपर्क किया है. मैंने ईरान के विदेश मंत्री के साथ विस्तार से बात की है और घटना पर पाकिस्तान का रुख प्रस्तुत किया है.' बता दें कि अमेरिका ने तीन दिन पहले ईरान के सबसे ताकतवर कमांडर कासिम सुलेमानी को एयर स्ट्राइक में मार दिया था. इसके बाद ईरान ने बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास पर रॉकेट से हमला किया था.
US-ईरान संघर्ष का खतरनाक प्रभाव पड़ेगा
शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि मध्य पूर्व की स्थिति बेहद संवेदनशील और विषयगत है. अफगानिस्तान में शांति के लिए पाकिस्तान के जारी प्रयासों के साथ यूएस-ईरान के बीच संघर्ष का नकारात्मक और खतरनाक प्रभाव पड़ेगा. ऐसे में पाकिस्तान अपने क्षेत्र को आतंकवाद के लिए किसी अन्य देश के खिलाफ इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देगा. उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों का समर्थन करता है.'