वेस्ट बैंक में इजरायली सेना और फिलिस्तीनियों के बीच बढ़ते तनाव के बीच इजरायल के कट्टर दक्षिणपंथी मंत्री इतमार बेन-गविर ने गुरुवार को अल-अक्सा मस्जिद दौरा किया था. सऊदी अरब ने इजरायल के इस कदम को भड़काऊ कृत्य बताते हुए कड़ी निंदा की है.
सऊदी विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान जारी करते हुए कहा, " बेन-गविर की यह यात्रा अंतरराष्ट्रीय कानूनों का घोर उल्लंघन है, जिसका मकसद दुनिया भर के मुसलामानों को उकसाना है. इस तरह के होने वाले बार-बार उल्लंघन के लिए इजरायली सेना जिम्मेदार है."
सऊदी अरब ने अपने बयान में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इजरायली सेना की ओर से की जा रही कार्रवाई और फिलिस्तीनी नागरिकों को आवश्यक सुरक्षा मुहैया कराने में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है.
जॉर्डन ने दी चेतावनी
वहीं, एक अन्य मुस्लिम देश जॉर्डन ने भी बेन-गविर की इस यात्रा की निंदा करते हुए इजरायल को चेतावनी दी है कि इस तरह की कार्रवाई उकसाने वाली है और इससे मामला और भड़क सकता है.
जॉर्डन ने बयान जारी करते हुए कहा, " इजरायली पुलिस के संरक्षण में पवित्र स्थान पर कट्टरपंथी नेताओं को जाने और उकसावे वाली गतिविधियों को अंजाम देने की अनुमति के गंभीर परिणाम हो सकते हैं."
#بيان | تعرب وزارة الخارجية عن إدانة واستنكار المملكة العربية السعودية اقتحام وزير الأمن القومي الإسرائيلي ومجموعةٍ من المستوطنين لباحة المسجد الأقصى pic.twitter.com/4rd80ih1QH
— وزارة الخارجية 🇸🇦 (@KSAMOFA) July 27, 2023
बेन-गविर की तीसरी यात्रा
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार में मंत्री बनने के बाद से बेन-गविर की यह तीसरी यात्रा थी. इतामार बेन-गविर यहूदी पावर पार्टी (Jewish Power party) के धुर-दक्षिणपंथी नेता हैं. यहूदी पावर पार्टी प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाली धुर-दक्षिणपंथी गठबंधन का हिस्सा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल के मंत्री अल-अक्सा मस्जिद में सैकड़ों यहूदी के साथ तिशा बाव अवकाश में शामिल होने के लिए गए थे. एतिहासिक रूप से यह दिन शोक और पश्चाताप का दिन होता है. इसे यहूदी कैलेंडर में सबसे दुखद दिन माना जाता है.
עליתי הבוקר להר הבית, בית מקדשנו שנחרב בגלל שנאת חינם. דווקא במקום הקדוש הזה חשוב לנו לזכור, כשמחבל מסתכל מבעד לחלון הוא לא מבדיל בנינו, הוא לא מבדיל בין ימין לשמאל. מבחינתו כולנו עם אחד.
— איתמר בן גביר (@itamarbengvir) July 27, 2023
רק באהבת חינם ננצח. pic.twitter.com/LhkpNmxz1o
दौरे के बाद मंत्री ने क्या लिखा?
पूर्वी यरुशलम स्थित अल-अक्सा मस्जिद का परिसर 35 एकड़ में फैला है, जिसे मुसलमान अल-हरम-अल शरीफ कहते हैं. यहूदी इसे टेंपल माउंट कहते हैं और यह उनका सबसे पवित्र धार्मिक स्थल है. अल-अक्सा मस्जिद के दौरे के बाद इजरायल के मंत्री बेन-गविर ने ट्वीट करते हुए लिखा, " आज सुबह मैं टेंपल माउंट गया. हमारे इस पवित्र स्थल को नफरत के कारण नष्ट कर दिया गया था. इस पवित्र स्थान पर हमारे लिए यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि आतंकवादी हमारे बीच कोई फर्क नहीं करते. उनके लिए हम सब एक ही हैं. प्यार से ही हम जीत सकते हैं.'
क्या है अल-अक्सा मस्जिद विवाद
प्राचीन फिलिस्तीन को 1947 में संयुक्त राष्ट्र ने दो भागों में विभाजित कर दिया था. विभाजन के बाद 55 फीसदी हिस्सा यहूदियों को और 45 फीसदी हिस्सा फिलिस्तीनियों को मिला था. लेकिन 1967 में इजरायल के गाजा पट्टी, वेस्ट बैंक और यरुशलम पर कब्जे के बाद यह विवाद और बढ़ गया.
हालांकि, बाद में जॉर्डन और इजरायल के बीच यह सहमति बनी कि अल अक्सा मस्जिद के भीतर के मामलों पर इस्लामिक ट्रस्ट वक्फ का नियंत्रण रहेगा जबकि बाहरी सुरक्षा इजरायल संभालेगा. इसके अलावा इस बात पर भी सहमति बनी कि गैर-मुस्लिमों को भी मस्जिद परिसर के अंदर आने की इजाजत होगी लेकिन उनको प्रार्थना करने की अनुमति नहीं होगी.