इस्लामिक देशों के संगठन OIC ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर पर विवादित बयान दिया है. ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन के महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा के हवाले से जारी बयान में कहा गया कि 27 अक्टूबर 2023 को जम्मू-कश्मीर पर भारत के कब्जे के 76 साल पूरे हो गए हैं. जम्मू-कश्मीर के विवाद को हल करने के लिए OIC अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत ठोस कदम उठाने के आह्वान को दोहराता है.
57 इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन ने आगे कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों के आत्म निर्णय के अधिकार को लेकर उनके साथ हैं.
इस्लामिक शिखर सम्मेलन और ओआईसी के विदेश मंत्रियों की बैठक के निर्णयों और प्रस्तावों का उल्लेख करते हुए महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा ने भारत से जम्मू-कश्मीर के लोगों के मौलिक मानवाधिकारों का सम्मान करने का आग्रह किया है. साथ ही 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर में खत्म किए गए अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करने की मांग की है.
OIC General Secretariat Reiterates its Call on International Community to Step Up Efforts to Resolve Jammu and Kashmir Issue: https://t.co/kXwDXdvg5t pic.twitter.com/sunGpdXRLR
— OIC (@OIC_OCI) October 27, 2023
भारत के खिलाफ उगलता रहा है जहर
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब OIC ने भारत और जम्मू-कश्मीर को लेकर जहर उगला है. ओआईसी भारत के खिलाफ लगातार जहर उगलता रहा है. अक्टूबर 2022 में भी ओआईसी ने बयान जारी करते हुए भारत सरकार से जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल करने की मांग की थी. साथ ही कश्मीर में हो रहे डेमोग्राफिक बदलाव को भी रोकने की मांग की थी. इससे पहले भी ओआईसी की ओर से कश्मीर मामले में इस तरह का बयान देखने को मिल चुका है.
ओआईसी के बयान के पीछे पाकिस्तान का हाथ बताया जाता रहा है, ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत पर प्रेशर बनाया जा सके. भारत कई बार अगाह कर चुका है कि वह पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा को आगे न बढ़ाए.
भारत 27 अक्टूबर को मना रहा इन्फेंट्री डे
दरअसल, 27 अक्टूबर वह तारीख है, जिस दिन भारतीय सेना ने पराक्रम दिखाते हुए कश्मीर सीमा में घुसे अवैध घुसपैठियों को बाहर निकालते हुए कश्मीर के बड़े हिस्से को पाकिस्तान के कब्जे से बचा लिया था. आजादी के बाद भारत में पहली बार ऐसी सैन्य कार्रवाई की गई थी. 27 अक्टूबर का दिन भारत के उन वीर सैनिकों की याद दिलाता है, जिन्होंने पैदल चलकर ही सरहद की न सिर्फ रक्षा की, बल्कि उसे बचाने के लिए अपनी जान की भी परवाह नहीं की थी.
क्या है OIC?
OIC का पूरा नाम ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को ऑपरेशन है. इसका हेडक्वार्टर सऊदी अरब के जेद्दा शहर में है. यह 57 मुस्लिम बहुल देशों का संगठन है. ओआईसी में गल्फ कंट्री सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों का दबदबा माना जाता है. इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय शांति और सद्भाव बनाते हुए मुसलमानों की सुरक्षा करना है.
चार महाद्वीपों के 57 देशों वाला यह संगठन करीब 1.5 अरब की आबादी का प्रतिनिधित्व करता है. इसके सदस्य देशों की कुल जीडीपी करीब 7 ट्रिलियन डॉलर है. OIC संयुक्त राष्ट्र के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटर गवर्नमेंटल ग्रुप है.
यह संगठन खुद की पहचान मुस्लिम दुनिया की सामूहिक आवाज के तौर पर करता है. भारत दुनिया का तीसरा सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश है लेकिन इसके बावजूद भारत ना तो OIC का सदस्य है और ना ही इसे पर्यवेक्षक का दर्जा मिला है. OIC में कई गैर-मुस्लिम देशों को भी पर्यवेक्षकों का दर्जा मिल चुका है. 2005 में रूस को संगठन में पर्यवेक्षक के तौर पर शामिल कर लिया गया था जबकि यहां केवल 2.5 करोड़ की ही मुस्लिम आबादी है.